सीतामढ़ी : टीबी उन्मूलन के लिए जन-प्रतिनिधि निभा सकते हैं कारगर भूमिका 

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-जन-प्रतिनिधि समाज के आखिरी पायदान पर खड़े लोगों से जुड़े होते हैं और उनका लोगों पर अच्छा प्रभाव भी होता है : डॉ. मनोज कुमार

सीतामढ़ी। टीबी रोग के उन्मूलन में जन-प्रतिनिधि अपनी मजबूत भागीदारी निभाएं। जन-प्रतिनिधियों की भागीदारी टीबी (क्षय रोग) के उन्मूलन में बहुत महत्वपूर्ण है। 2025 तक टीबी उन्मूलन के लिए सभी का सहयोग जरूरी है। यह बातें जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. मनोज कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि जिले से टीबी को पूरी तरह समाप्त करना हमारी प्राथमिकताओं में है। इसलिए हम सबका सामूहिक उत्तरदायित्व है कि इस बीमारी के बारे में समुदाय के लोगों तक जागरूकता फैलाएं और इसको पूर्ण रूप से समाप्त करने का प्रण लें। इसमें पंचायत स्तर पर जनप्रतिनिधियों की भागीदारी भी आवश्यक है।

जन-प्रतिनिधि टीबी मरीजों को गोद लेकर कर सकते मदद-

जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि जन-प्रतिनिधि टीबी उन्मूलन के लिए पंचायत स्तर पर कारगर भूमिका निभा सकते हैं। क्योंकि जन-प्रतिनिधि समाज के आखिरी पायदान पर खड़े लोगों से भी गहरे जुड़े होते हैं और उनका लोगों पर अच्छा प्रभाव भी होता है। ऐसे में जन-प्रतिनिधि टीबी से पीड़ित मरीजों को गोद ले सकते हैं। गोद लिए मरीजों की वे आर्थिक और सामाजिक रूप से मदद कर सकते हैं। वे टीबी से जुड़ी सही जानकारी देकर लोगों के बीच इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर कर सकते हैं। स्थानीय स्तर पर समाज के प्रतिनिधि होने के चलते वे पूरे समुदाय को रास्ता दिखा सकते हैं, जिससे पूरे समुदाय का स्वास्थ्य बेहतर होगा।

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जिले के 2504 मरीजों की हो रही देखभाल-

डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि टीबी उन्मूलन के प्रयासों को मजबूती देने के लिये जिला में गंभीर प्रयास किये जा रहे हैं। इसे लेकर लगातार जागरूकता संबंधी गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिले में अभी टीबी के 2504 मरीज हैं, जो नियमित रूप से दवा का सेवन कर रहे हैं। पर्यवेक्षकों द्वारा इन मरीजों का समुचित ध्यान रखा जा रहा है। क्षेत्र भ्रमण कर वे टीबी मरीजों के दवा सेवन, उनके खानपान, रहने व सोने के तरीकों, मास्क के उपयोग समेत अन्य दिनचर्या की जानकारी दे रहे हैं। वे मरीजों को नियमित रूप से दवा का सेवन करने की सलाह देते हैं।

लक्षण दिखे तो तुरंत कराएं टीबी की जांच-

डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि दो सप्ताह से ज्यादा खांसी, रात के समय बुखार आना, बलगम में खून आना, वजन का कम होना व रात को सोते समय पसीना आना आदि लक्षण दिखाई देने पर तुरंत नजदीकी जांच केंद्र में टीबी की जांच करवानी चाहिए। अधिक से अधिक लोग टीबी के लक्षणों के बारे में जानें और अपने आसपास रहने वाले लोगों में यदि इनमें में से कोई लक्षण दिखे तो जांच के लिए प्रेरित करें। उन्होंने बताया कि अधिसूचित रोगी का जब तक उपचार चलता है, तब तक प्रतिमाह 500 रुपये वित्तीय सहायता प्रोत्साहन राशि निक्षय पोषण योजना के तहत सीधे मरीज के खाते में भेजी जाती है।

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