सीतामढ़ी: टीबी उन्मूलन के लिये किये जा रहे गंभीर प्रयास

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-मासिक समीक्षात्मक बैठक आयोजित 

-बैठक में डब्ल्यूएचओ कंसलटेंट डॉ. कुमार गौरव ने पीएमटीपीटी पर चर्चा की

-टीबी नोटिफिकेशन, आउटकम, कोमोरबिडिटी स्टेटस, कांटेक्ट ट्रेसिंग, पीएमडीटी इंडिकेटर पर सुधार के लिए दिए गए आवश्यक निर्देश

सीतामढ़ी। जिला यक्ष्मा केंद्र, सीतामढ़ी के सभाकक्ष में बुधवार को मासिक समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. मनोज कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में 

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पीएमटीपीटी विषय पर एक प्रशिक्षण का भी आयोजन किया गया। जिसमें पटना से आये डब्ल्यूएचओ कंसलटेंट डॉ. कुमार गौरव ने पीएमटीपीटी पर विस्तार से चर्चा की। प्रशिक्षण में जिले के सभी वरीय यक्ष्मा पर्यवेक्षक, वरीय यक्ष्मा प्रयोगशाला पर्यवेक्षक, प्रयोगशाला प्रवैधिक एवं जिला यक्ष्मा केंद्र के सभी कर्मी शामिल हुए। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. मनोज कुमार ने एनटीईपी के सभी इंडिकेटर पर पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से चर्चा की। उन्होंने टीबी नोटिफिकेशन, आउटकम, कोमोरबिडिटी स्टेटस, कांटेक्ट ट्रेसिंग, बैंक डिटेल्स, अपलोडिंग स्टेटस, पीएमडीटी इंडिकेटर पर सुधार के लिए आवश्यक निर्देश दिया।

प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट देने की आवश्यकता पर जोर –

डब्ल्यूएचओ कंसल्टेंट डॉ. कुमार गौरव ने पीएमटीपीटी अंतर्गत यक्ष्मा मरीजों के परिजन को प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सभी परिजनों के कांटेक्ट ट्रेसिंग कर प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट देने की बात कही। इसके लिए उन्होंने जिला यक्ष्मा पदाधिकारी से सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को पीएमटीपीटी विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित कर शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने का अनुरोध किया। साथ ही साथ हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत सीएचओ को प्रशिक्षित कर उनके क्षेत्र अंतर्गत यक्ष्मा मरीजों के दवा का वितरण, फॉलोअप जांच, टीपीटी के वितरण में सहयोग लेने के लिए कहा। 

टीबी उन्मूलन के लिये  विभिन्न गतिविधियों का आयोजन-

डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि टीबी उन्मूलन के प्रयासों को मजबूती देने के लिये जिला में गंभीर प्रयास किये जा रहे हैं। इसे लेकर लगातार जागरूकता संबंधी गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी पर्यवेक्षकों द्वारा मरीजों का समुचित ध्यान रखा जा रहा है। क्षेत्र भ्रमण कर वे टीबी मरीजों के दवा सेवन, उनके खानपान, रहने व सोने के तरीकों, मास्क के उपयोग समेत अन्य दिनचर्या की जानकारी दे रहे हैं। वे मरीजों को नियमित रूप से दवा का सेवन करने की सलाह देते हैं। डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि जिले में टीबी की विश्वसनीय जांच व सम्पूर्ण इलाज की सुविधा उपलब्ध है। बैठक सह प्रशिक्षण में डीपीसी रंजय कुमार, लेखापाल सह डीईओ रंजन शरण, डीपीएस प्रिया कुमारी, लिपिक रवि राज, हेड क्वार्टर एसटीएलएस संजीत कुमार सहित सभी वरीय यक्ष्मा पर्यवेक्षक एवं प्रयोगशाला प्रावैधिक ने भाग लिया।

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