• राज्य सलाहकार फाइलेरिया द्वारा सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ की गयी समीक्षा बैठक
• हाइड्रोसील से ग्रसित मरीजों की तत्काल शल्य क्रिया कराने पर दिया गया बल

भभुआ | अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी फाइलेरिया, पटना कार्यालय से आये डॉ. अनुज सिंह रावत, राज्य सलाहकार फाइलेरिया द्वारा जिला वीबीडी पदाधिकारी डॉ. आरके चौधरी सहित जिले में कार्यरत सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ एक समीक्षात्मक व सहयोगात्मक बैठक की गयी। जिले में फाइलेरिया की गतिविधियों को बल देने व मरीजों की लाइन लिस्ट, हाइड्रोसील की शल्य क्रिया, एमएमडीपी सेवाओं से संबंधित जानकारी प्रदान करना व मरीजों के सहयोग हेतु स्थापित होने वाली एमएमडीपी क्लीनिक के महत्तम उपयोग हेतु सभी से अपील की गई। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने कहा कि सभी प्रखंडों की आशा बैठक में सभी जानकारी प्रदान करें व सहयोग हेतु अपील करें जिसका सभी ने समर्थन किया। बैठक में तमाम सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के अलावा जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी सह वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. आरके चौधरी, वनवासी सेवा केंद्र, कैमूर के प्रतिनिधि बसंत कुमार सिंह, लेप्रा सोसाइटी रेफ़रल यूनिट के पदाधिकारियों के साथ अन्य अधिकारीयों ने भाग लिया।

हाइड्रोसील से ग्रसित मरीजों की तत्काल शल्य क्रिया कराने पर दिया गया बल:
राज्य सलाहकार डॉ. अनुज रावत ने बताया कि फाइलेरिया मरीजों की बढ़ती हुई संख्या सरकार के सामने सबसे विकराल समस्या है। इसीलिए सभी सहयोगी संस्थाओं का प्रयास होना चाहिए कि चिह्नित मरीजों की खासकर हाइड्रोसील से ग्रसित मरीजों की तत्काल शल्य क्रिया करायी जाए, ताकि बैकलॉग केस को पूरा किया जाए और नवीन केस की जल्दी पहचान करके उन्हें स्थायी दिव्यांगता से बचाया जा सके। उन्होंने सभी सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि सभी सहयोगी संस्थाएं व जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी के साथ मासिक बैठक करें और अगले माह में कैसे कार्य को और बेहतर किया जाए इसपर आप सभी रणनीति बनाते हुए कार्य करें।
जनमानस को जागरूक करना जरूरी :
बैठक में अपने संबोधन में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी सह वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. आरके चौधरी ने कहा कि फ़ाइलेरिया उन्मूलन के लिए जनमानस को इस रोग के खतरों के बारे में जागरूक करना जरूरी है। लोगों को अपने आस पास स्वच्छता का ध्यान, लक्षण नजर आते ही चिकित्सकों से संपर्क करना एवं मच्छर से बचाव के बारे में जागरूक करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सभी प्रखंडों की आशा बैठक में इसपर निरंतर चर्चा होनी चाहिए और आशा कार्यकर्ताओं को गृह भ्रमण के दौरान समुदाय को जागरूक करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।