लेबर रूम की सुविधाओं में बढ़ोत्तरी की बदौलत सदर अस्पताल में बढ़े हैं संस्थागत प्रसव के आंकड़े
लेबर रूम और ऑपरेशन थिएटर के अलावा प्रसव पूर्व वार्ड और मैटरनल वार्ड भी व्यवस्थित
बक्सर, 21 जून | सुरक्षित प्रसव के लिये संस्थागत प्रसव को जरूरी माना जाता है। इस क्रम में जिले के सरकारी अस्पतालों में मातृ-शिशु मृत्युदर को कम करने के लिये प्रसव संबंधित सुविधाओं व सेवाओं को सुदृढ़ किया गया है। ताकि, प्रसव संबंधित मामलों के लिए जिले की गर्भवती महिलाओं को बाहर न जाने पड़े। सेवाओं और सुविधाओं में बढ़ोत्तरी के कारण अब लोगों का झुकाव निजी संस्थानों की अपेक्षा सरकारी अस्पतालों की ओ बढ़ गया है। वहीं, सदर अस्पताल के साथ अन्य सरकारी अस्पतालों में प्रशिक्षित व सक्षम चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों की निगरानी में प्रसव कराने के साथ साथ जच्चे बच्चे की उचित देखभाल की जाती है। आंकड़ों पर गौर किया जाए, तो अकेले सदर अस्पताल में प्रति माह लगभग 400 से अधिक प्रसव कराया जाता है।

संबंधित सुविधाएं और सेवा नि:शुल्क उपलब्ध :
सदर अस्पताल के प्रबंधक दुष्यंत कुमार सिंह ने बताया, अब सदर अस्पताल में प्रसव को लेकर बहुत ही बेहतर सुविधा उपलब्ध है। लेबर रूम और ऑपरेशन थिएटर के अलावा प्रसव पूर्व वार्ड और मैटरनल वार्ड को भी व्यवस्थित किया गया है। जहां पर चिकित्सक और प्रशिक्षित नर्सों की प्रतिनियुक्ति की जाती है। लोगों को समझना चाहिए कि सरकार और विभाग उनके लिये प्रसव संबंधित सुविधाएं और सेवाओं को नि:शुल्क उपलब्ध करा रही है। साथ ही, विभिन्न मदों से महिलाओं को प्रसव के बाद प्रोत्साहन राशि भी मुहैया कराई जाती है।
संस्थागत प्रसव का आंकड़ा 89.5 प्रतिशत :
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के आंकड़ों के अनुसार जिले में कुल संस्थागत प्रसव का आंकड़ा 89.5 प्रतिशत है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के आंकड़ों के अनुसार कुल संस्थागत प्रसव का आंकड़ा 81.6 प्रतिशत था। ये आंकड़ें योजना के प्रति आम लोगों में बढ़ी हुई जागरूकता को भी दर्शाता है।

लक्ष्य प्रमाणिकरण के लिये सुविधाओं को बढ़ाया जा रहा है :
‘जिले में संस्थागत प्रसव के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है। लेकिन, अब तक सदर अस्पताल को लक्ष्य प्रमणिकरण का सर्टिफिकेट प्राप्त नहीं हो सका है। इसके लिये सदर अस्पताल स्थित लेबर रूम और ऑपरेशन थियेटर को आधुनिक मशीनों से लैस करने के साथ सुविधाओं को भी बढ़ाया जा रहा है। जिससे प्रसव के दौरान गर्भवती महिलाओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।’ – डॉ. जितेंद्र नाथ, सिविल सर्जन, बक्सर