स्वास्थ्य संस्थानों में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच को लेकर चलाया जाता है विशेष अभियान

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गर्भवती महिला एवं अभिभावकों को प्रसव से संबंधित जोखिमों से कराया जा रहा अवगत

सुरक्षित प्रसव के लिए नियमित अंतराल के बाद गर्भवती महिलाओं का किया जाता है फॉलोअप

पूर्णिया। जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर जनसंख्या वृद्धि को कम करने एवं गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व (एएनसी) जांच को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित रूप से विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत सभी गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं की आवश्यक रूप से स्वास्थ्य परीक्षण एवं एएनसी जांच के साथ चिकित्सीय परामर्श के अनुसार निःशुल्क दवा का वितरण भी किया जा रहा है।

राज्य सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा संयुक्त रूप से जारी दिशा-निर्देश के आलोक में जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर स्थानीय सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी के नेतृत्व एवं यूनिसेफ एवं पिरामल स्वास्थ्य सहित कई अन्य संस्थाओं के साथ समन्वय स्थापित कर परिवार कल्याण दिवस सह पीएमएसएमए का आयोजन किया जाता है, ताकि शहर से लेकर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाली गर्भवती महिलाएं, धातृ माताओं के साथ ही अभिभावकों को इसका लाभ मिल सके।

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सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि जच्चा व बच्चा को स्वस्थ रखने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर माह प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान कार्यक्रम का संचालन किया जाता है। इसके तहत प्रत्येक महीने के 9 वें एवं 21 वें दिन जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों पर विशेष रूप से कैंप का आयोजन किया जाता है। जिसके तहत अभिभावकों के समक्ष गर्भवती महिलाएं एवं धातृ माताओं को सभी तरह की जांच आवश्यक रूप से की जाती है।

इसके साथ ही प्रसव पूर्व होने वाली जांच के बाद आवश्यकतानुसार चिकित्सीय सलाह एवं दवाइयां भी निःशुल्क दी जाती हैं। जांच के समय जटिल प्रसव वाली महिलाओं की पहचान अनिवार्य रूप से की जाती है। एएनसी के दौरान गर्भवती महिलाओं का वजन, ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन, शुगर, एचआईवी एवं मलेरिया से बचाव को लेकर जांच की जाती है। ज़िले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर एएनसी कराने के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं एवं उनके परिजनों को बेहतर स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक आहार की विशेष रूप से सलाह जाती है।

गर्भवती महिलाओं को नियमित रूप से हरी सब्जियां, ताजे फल एवं नियमित तौर से आयरन की गोली खाने के लिए जागरूक किया जाता है जिससे कि माँ और होने वाले बच्चे स्वस्थ रह सकें।जिला स्वास्थ्य समिति के डीसीएम संजय कुमार दिनकर ने बताया कि गर्भवती महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) की जाती है।

एएनसी जांच में गर्भवती महिलाओं का ब्लड शुगर, हाई ब्लड प्रेशर, एनीमिया आदि की जांच होती है। स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं के गर्भस्थ बच्चों की स्थिति की जांच चिकित्सा पदाधिकारियों, प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा की जाती है। जांच के बाद सभी गर्भवती महिलाओं को आवश्यक रूप से दिशा-निर्देश जाता है।

महिलाओं को गर्भस्थ शिशुओं की उचित देखभाल के लिए किस तरह के पौष्टिक आहार लेने की आवश्यकता होती है। इसकी भी जानकारी दी जाती है। वहीं जटिल स्थिति वाली गर्भवती महिलाओं को विशेष श्रेणी में रख कर उनकी अतिरिक्त जांच भी कराई जाती है। ताकि सुरक्षित एवं संस्थागत प्रसव कराने में उन्हें किसी तरह की कोई असुविधा नहीं हो।

इसके साथ साथ नियमित अंतराल पर उनका फॉलोअप भी किया जाता है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों द्वारा परिवार कल्याण दिवस को लेकर जनसंख्या वृद्धि रोकने के लिए विभिन्न तरह की दवाएं एवं सुरक्षित उपयोग में लाने वाले उपायों के प्रति जागरूक भी किया जाता है।

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