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सुरक्षित शनिवार : ‘हजार्ड हंट’ एवं डूबने से बचाव विषय पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

रून्नीसैदपुर/सीतामढ़ी। मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत सुरक्षित शनिवार की वार्षिक कार्ययोजना के अनुसार जून माह के चौथे शनिवार को मध्य विद्यालय गंगवारा में “हजार्ड हंट एवं डूबने से बचाव” विषय पर विशेष जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अगुवाई प्रधानाध्यापिका रेणु कुमारी व शिक्षिका अंजू कुमारी ने की।

‘हजार्ड हंट’ की गतिविधि से बच्चों को जोखिम की पहचान

कार्यक्रम की शुरुआत ‘हजार्ड हंट’ गतिविधि से की गई, जिसमें बच्चों को घर से विद्यालय आने-जाने के क्रम में संभावित जोखिमों की पहचान करने के लिए प्रेरित किया गया। बच्चों ने स्कूल के आसपास के इलाकों, रास्तों, निर्माणाधीन स्थानों, खुले गड्ढों, टूटे हुए पुल-पुलियों जैसे स्थानों को चिह्नित किया, जो उनके दैनिक जीवन में खतरे का कारण बन सकते हैं।

डूबने से बचाव के लिए जरूरी जानकारी

शिक्षिका अंजू कुमारी ने बच्चों को पानी में डूबने से संबंधित जोखिमों और उनके बचाव के उपायों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नदी, तालाब, नहर आदि के समीप खेलना या नहाना बेहद खतरनाक हो सकता है, खासकर बाढ़, मेला, त्योहारों या बारिश के मौसम में। बच्चों को बताया गया कि बिना तैराकी कौशल के पानी में उतरना जीवन के लिए जोखिमपूर्ण हो सकता है।

क्या करें और क्या न करें – जीवनरक्षक सावधानियां

कार्यक्रम में “क्या करें और क्या न करें” की सूची को समझाया गया। जैसे—गहरे पानी के पास न जाना, बिना जानकारी के नाव की सवारी न करना, बाढ़ के पानी में न उतरना, भीड़-भाड़ में सतर्क रहना आदि शामिल हैं। वहीं, डूबते हुए व्यक्ति को बचाने के लिए धोती, साड़ी, रस्सी, बांस आदि के प्रयोग से कैसे सहायता दी जा सकती है, इसका प्रदर्शन भी किया गया।

प्राथमिक उपचार की जानकारी

डूब चुके व्यक्ति को पानी से निकालने के बाद तत्काल क्या करें—इस विषय पर प्राथमिक उपचार की विधियों की जानकारी दी गई। जैसे व्यक्ति को पेट के बल लिटाकर पानी निकालना, सांस न लेने की स्थिति में कृत्रिम सांस (सीपीआर) देना, तुरंत चिकित्सा सहायता के लिए कॉल करना आदि।

बच्चों में दिखा उत्साह

इस जागरूकता कार्यक्रम में बच्चों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और सवाल पूछकर अपनी जिज्ञासाएं भी प्रकट कीं। कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को न केवल सुरक्षित रहना सिखाना था, बल्कि आपात स्थिति में दूसरों की मदद करने का आत्मविश्वास भी प्रदान करना था।

कार्यक्रम का समापन प्रधानाध्यापिका रेणु कुमारी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने बच्चों को अपने जीवन में सतर्कता व सजगता को अपनाने का संदेश दिया। मौके पर सुरेन्द्र मंडल सहित अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद रहें।

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