डुमरांव. सुमित्रा महिला कालेज स्थित सभागार में राष्ट्रीय सेवा योजना के बैनर तले स्वतंत्र भारत के प्रथम विधी मंत्री तथा भारतीय संविधान के जनक डा बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की 133वीं जयंती मनाई गई. बाबा साहेब के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कालेज प्राचार्या सह अध्यक्ष राष्ट्रीय सेवा योजना डा शोभा सिंह ने कहां कि हम भारतीयों की परंपरा रही है कि अपने आदर्श व्यक्तित्व को हम सदा स्मरण रखते हैं.
बाबा साहेब ने बचपन से ही अश्पृश्यता को बहुत नजदीक से देखा तथा झेला था, भारतीय समाज में व्याप्त छुआछूत जैसे भेद-भाव को समानता का अधिकार तथा अश्पृश्यता को दंडनीय बनाकर सभी भारतीय को संवैधानिक रूप से एक कर दिया. भारतीय संविधान के जनक को सदैव याद रखा जाएगा. डा सुभाष चन्द्र शेखर ने बाबा साहेब के जीवनी को रेखांकित करते हुए कहां कि बाबा साहेब बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे, वे एक समाज सुधारक, अर्थशास्त्री, कानूनविद, इतिहासकार, संपादक तथा मानवशास्त्री थे.
इनकी यह प्रतिभा हमारे संविधान में स्पष्ट दिखाई पड़ती है. राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रो शंभू नाथ शिवेंद्र ने कहां कि बाबा साहेब को भारतीय भाषाओं के अलावा विश्व के अनेक भाषाओं का ज्ञान था, उन्होंने विश्व के अनेक देशों के संविधान का अध्ययन किया था. उन्होंने 64 विषयों पर मास्टर डिग्री तथा 4 डाक्टरेट उपाधि प्राप्त की थी.
कालेज के राष्ट्रीय सेवा योजना की वालेंटियर्स चंचल, तमन्ना, प्रियांशी, ज्योति, रानी, पूजा कुमारी आदि ने भी बाबा साहेब के योगदान को रेखांकित करते हुए उन्हें सदैव स्मरणीय कहा. कालेज के प्रो.प्रमोद कुमार सिंह, प्रो.श्रीकांत सिंह, प्रो.मनोज कुमार, प्रो.दिनेश सिंह यादव, प्रो.श्रीमन्नारायण तिवारी, नागेन्द्र सिंह ने भी बाबा साहेब को श्रद्धांजलि अर्पित की.