सीमांचल की खुली सीमा असामाजिक तत्वों के लिए मुफीद !
अररिया/डा. रूद्र किंकर वर्मा। जिले में करीब 110 किमी की खुली सीमा नेपाल को छूती है, जिसके चलते यह रास्ता असामाजिक तत्वों के लिए मुफीद माना जाता है। जिले के सिकटी विधानसभा के आमबारी से सोनामनी गोदाम तक लगभग 38 किमी की नेपाल की सीमा पर निगरानी के लिए एसएसबी के 18 बीओपी चेकपोस्ट भी बनाए गए हैं।
उसी तरह नेपाल एपिएफ के 11 बीओपी हैं। इसके अलावा भारतीय क्षेत्र में 05 थाना और नेपाल के हिस्से में रानी से लेकर मिचार्डागी तक 07 थाना है। सीमा के भारतीय हिस्से को स्थानीय पुलिस के साथ सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) द्वारा नियंत्रित किया जाता है। सीमा के नेपाली पक्ष को सशस्त्र – पुलिस बल (एपिएफ) द्वारा नेपाल पुलिस की स्थानीय शाखा के साथ न नियंत्रित किया जाता है।
सीमा पर स्थित स्तंभ बताते हैं दिशा सीमा पर गड़े मेन पिलर चौखुटा ए है। इनके बीच आने वाले छोटे पिलर न गोल हैं। और इन पिलरों के कोई एक न सिरा दूसरे पिलर को इंगित करता है। न जानकारी के मुताबिक आमवारी के 152वीं बटालियन से सोनामनी के 56वीं 1 बटालियन के बीच करीब 26 पिलर गायब हो गए हैं। या वे बाढ़ में दह गए या असामाजिक तत्वों द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिया गया है।
एक छोटी भन्सार की व्यवस्था
भारत-नेपाल सीमा पर कोई बाड़ नहीं है, इसलिए कई छोटे आधिकारिक और अनौपचारिक सीमा पार हैं। छोटे आधिकारिक सीमा क्रॉसिंग को नेपाली भाषा में छोटी भंसर (लघु सीमा शुल्क) के रूप में जाना जाता है। जो मेघा सीमा के उस पार मायागंज में है। जानकारी देते नेपाल के एपिएफ जवान कमल राई ने बताया कि छोटी भन्सार सोराभाग (मायागंज) में खाद्य सामग्री के लिए अधिकतम पांच हजार रूपए का भन्सार कटता है। ज्यादा मात्रा में खाद्य सामग्री या अन्य वस्तुओं के लिए रानी भन्सार जाना होता है।
सीमा पर बसे हैं कई गांव
भारत-नेपाल सीमा पर दोनों देशों की तरफ कई गांव बसे हैं, जो प्रतिदिन अपनी दैनिक कार्य के लिए दर्जनों बार सीमा पार करते रहते हैं। सोनामनी गोदाम से आमबारी के बीच आमबारी, केलाबारी, लेटी, पिरगन्ज, मेघा, गरैया, मधुबनी, डुमरिया सहित करीब दो दर्जन से ऊपर गांव सीमा पार नेपाल में ठनठनिया, शीतली पोखर, खरबन्ना, नोचा, मोरंग सोराभाग, गररिया, झुरकिया आदि गांव बसे हैं।
सीमा पर बसे यहां के निवासी जीवकोपार्जन के लिए मुख्य खेती या मजदूरी करते हैं। स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध नहीं होने के कारण परदेस जाकर काम-धंधा कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। नेपाल सीमा पर भूमिहीन लोगों को नेपाल सरकार जमीन खरीदकर घर बनाने का करती हैं। वहीं भारतीय समुदाय को सरकार द्वारा राशनकार्ड, मुफ्त अनाज सहित कई जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मुहैया कराया जाता है।
भारत विरोधी ताकतों की रहती है नजर
भारत-नेपाल की खुली सीमा सुरक्षा में छेद का काम कर रही है। तस्करी के माध्यम से दोनों देशों की अर्थ व्यवस्था पर असर डालने के साथ ही घुसपैठ व तस्करी के लिए भारत विरोधी ताकतों की नजर भी इस खुली सीमा पर टिकी रहती है। वैधानिक मार्ग के अलावा कई चोर रास्तों से भी दोनों देशों के बीच आसानी से आवाजाही की जा सकती है।
नेपाल के साथ दोस्ताना संबंधों के चलते दोनों देशों के बीच खुली आवाजाही होती है। दोनों देशों की सीमा पर सुरक्षा एजेंसियां भी तैनात हैं। दोनों देशों का सुरक्षा और खुफिया तंत्र अलर्ट रहता है। वन संपदाओं का अवैध दोहन, वन्यजीवों का शिकार, वन्यजीव अंगों, मादक पदाथों और अवैध हथियारों के कई मामले भी इस बॉर्डर में पकड़े जा चुके हैं।
बॉर्डर में पकड़े जा चुके हैं कई गैर कानूनी अपराध
2018 में सोनापुर बीओपी के एसएसबी जवानों ने मानव तस्करी के मामले में दो को गिरफ्तार किया था। दिसंबर 2021 में कुआड़ी पुलिस द्वारा जाली नोट के साथ दो धंधेबाज को कस्टडी में लिया गया था। फरवरी 2020 में सांप विष की तस्करी में कुआड़ी और मजरख एसएसबी की संयुक्त टीम के हत्थे तीन तस्कर गिरफ्तार हुए थे।
2019 में एक तस्कर जाली नोटों के साथ आमगाछी 56वीं बटालियन जवानों के द्वारा कुसाकाँटा के हत्ताचौक पर पकड़ाया था। सीमापर पुलिस व एसएसबी के सहयोग से मादक पदार्थों, मवेशी, शराब, हथियार, गांजा, नकली नोट आदि का भंडाफोड़ होता रहा है
क्या कहते हैं एसएसबी अधिकारी ?
असिस्टेंट कमांडेंट सी विवेक ने बताया कि भारत-नेपाल की खुली सीमा पर निगरानी एक बड़ी चुनौती है। लेकिन सीमा मित्र के सदस्यों, पंचायत जनप्रतिनिधियों की मदद से सीमा निगरानी में मदद मिलती है। दोनों देशों के जवान आपस में समन्वय स्थापित कर सीमा की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी का परिणाम है कि असामाजिक गतिविधियों पर लगातार नकेल कसी जा रही है।
एपीएफ अधिकारी ने बताया कि नेपाल एपीएफ की माने तो स्थानीय स्तर पर, भारतीय और नेपाली अधिकारी नियमित रूप से मिलते हैं और अपने- अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियों और अन्य मुद्दों पर चर्चा करते हैं। सीमा की सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए कई कार्य प्रगति पर है।