सिमरी में रोजगार-सह-मार्गदर्शन मेला का आयोजन, कुल 534 रजिस्ट्रेशन प्राप्त हुए जिसमें 106 ग्रामीण युवाओं/युवतियों का चयन
बक्सर। डीएम अंशुल अग्रवाल के द्वारा सिमरी प्रखंड मुख्यालय में जीविका के द्वारा आयोजित रोजगार-सह-मार्गदर्शन मेला का उद्घाटन किया गया। डीएम द्वारा बताया गया कि जीविका के माध्यम से महिलाओं का आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण मुख्यमंत्री, बिहार की सर्वोच्च प्राथमिकता में से हैं। जीविका के माध्यम से आयोजित रोजगार-सह-मार्गदर्शन मिला में सभी युवाओं/युवतियों को बढ़-चढ़कर सम्मिलित होने का अपील किया गया।
डीएम द्वारा जिला परियोजना प्रबंधक जीविका बक्सर को निर्देश दिया गया कि रोजगार मेला के आयोजन के संबंध में पूर्व से व्यापक प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करेंगे। रोजगार मेला में कुल 534 रजिस्ट्रेशन प्राप्त हुए जिसमें 106 ग्रामीण युवाओं/युवतियों का चयन किया गया। रोजगार मेला में बिहार एवं अन्य राज्यों के विभिन्न कंपनियों द्वारा सुरक्षा गार्ड, स्विंग मशीन ऑपरेटर, तकनीकी सहायक, सेल्स मेन, सुरक्षा गार्ड, मशीन ऑपरेटर, टेक्सटाइल एक्सपर्ट, डिलीवरी बॉय, हेल्थ केयर, जीएनएम/एएनएम/जीडीए इत्यादि पदों पर ग्रामीण युवाओं/युवतियों का चयन किया गया।
रोजगार मेला एवं यूथ मोबिलाइजेशन ड्राइव (YMD) के माध्यम से वर्ष 2016 से अब तक कुल 2913 युवक-युवतियों को विभिन्न संगठनों जैसे केपीआर मिल लिमिटेड जी-4 एस सिक्योरिटी, आरटीडी ग्लोबल, इॅकाम एक्सप्रेस, उत्कर्ष माइक्रों फाईनान्स, अरबिन्दों फार्मा, Flipkart, शिव शक्ति बायो टेक्नोलॉजी, ग्रेविज, L&T, SIS, Reliance Hospital, Zomato, J K Tyres में योग्यता एवं कुशलता के आधार पर रोजगार उपलब्ध कराया गया, जो अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ कर रहें है।
RSETI बक्सर के द्वारा स्वरोजगार हेतु पेपर बैग बनाने, सिलाई, ब्यूटीशियन, डेयरी, एवं वर्मी कंपोस्ट, मशरूम उत्पादन, पोल्ट्री, मोबाइल रिपेयरिंग, पापड़ एवं अचार बनाने की प्रशिक्षण दिया जाता है। RSETI के माध्यम से वर्ष 2016 से अब तक कुल 2681 युवाओं/युवतियों को प्रशिक्षित किया गया, जिसमें से 1834 लोगों को स्वरोजगार उपलब्ध कराया गया है।
DDUGKY के माध्यम से अब तक कुल 1347 युवाओं/युवतियों को प्रशिक्षित किया गया, जिसमें से 1001 को विभिन्न कंपनियों में रोजगार उपलब्ध कराया गया। इसी प्रकार कृषि एवं गैर कृषि क्षेत्र में भी जीविका के माध्यम से जीविकोपार्जन सुनिश्चित किया जा रहा है।
बिहार में ग्रामीण गरीबी उन्मूलन की दिशा में बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका) एक सशक्त एवं प्रभावी माध्यम के रूप में स्थापित है। राज्य सरकार ने विश्व बैंक के सहयोग से वर्ष 2007 में इसका गठन कर बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन परियोजना की शुरूआत की गई। राज्य के छः जिलों के 18 प्रखंडों से शुरूआत की गयी। यह परियोजना चरणबद्ध तरीके से विस्तारित होकर राज्य के सभी 534 प्रखंडों में कार्यरत है। इसके अंतर्गत गरीबों के सामुदायिक संगठनों का निर्माण कर जीविकोपार्जन हेतु वितीय सहयोग, सूक्ष्म ऋण तथा लेखा प्रबंधन के लिए क्षमता विकास किया जाता है।
इसी उद्देश्य को क्रियान्वित करने हेतु जीविका सर्वप्रथम गाँव के अत्यंत गरीब टोलों की पहचान कर स्वयं सहायता समूह निर्माण का कार्य आरंभ करती है। समूह निर्माण के पूर्व समुदाय की सहभागिता से गाँव के अत्यंत गरीब टोलों की पहचान कर स्वयं सहायता समूह निर्माण का कार्य आरंभ करती है। समूह निर्माण के पूर्व समुदाय की सहभागिता से गाँव का मानचित्रण किया जाता है एवं गरीब परिवारों को चिन्हित कर उन्हें स्वयं सहायता समूह से जोडा जाता है।
स्वयं सहायता से जुडी महिलाओं की क्षमता एवं सोच को देखकर समूह को जोडकर ग्राम संगठन एवं संकुल स्तरीय संघों का गठन किया गया है जो इन्हें विभिन्न गतिविधियों के संचालन में सहयोग प्रदान कर रही है। साथ ही साथ उनके आजीविका संवर्धन एवं आजीविका गतिविधियों को संयुक्त रूप से संचालित करने हेतु विभिन्न उत्पादक समूह एवं उत्पादक कंपनियों का गठन किया गया है जो इनके उत्पाद को बिक्री करने एवं अधिक उत्पादन में सहयोग प्रदान कर रही है।
इस कार्य योजना के तहत बक्सर जिला में जीविका की शुरूआत वर्ष 2013 में चरणबद्ध तरीके से की गयी थी एवं आज यह सभी 11 प्रखंडों में क्रियान्वित है। प्रारंभ से लेकर अभी तक बक्सर जिलें में कुल 13363 स्वयं सहायता समूहों का निर्माण किया गया है। जिससे 159002 परिवार जुडे हुए है। स्वयं सहायता समूहों को जोडकर ग्राम संगठन का निर्माण किया गया है एवं अभी तक कुल 12794 स्वयं सहायता समूहों को जोडकर कुल 1008 ग्राम संगठन बनाए गए है। इसके अतिरिक्त वर्तमान में 26 संकुल स्तरीय संघ है।
बक्सर जिलें में कुल 13363 स्वयं सहायता समूहों में से 13164 स्वयं सहायता समूहों का खाता विभिन्न बैंकों के माध्यम से खोला जा चुका है। 12984 स्वयं सहायता समूहों को विभिन्न बैंकों से वित पोषित किया जा चुका है।