
भारतीय ज्ञान परंपरा, नवाचार और सामाजिक समर्पण पर केंद्रित रहा कार्यक्रम
गंगटोक, सिक्किम/पटना। सिक्किम विश्वविद्यालय में गोपाल किरण समाजसेवी संस्था और साउथ एशियन एलायंस फॉर डेवलपमेंट इनिशिएटिव (SAADI) के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय भव्य राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की भव्य शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसमें सभी अतिथियों ने एक साथ मिलकर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया।
मुख्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति
सेमिनार के मुख्य अतिथि प्रो. लक्ष्मण शर्मा, रजिस्ट्रार, सिक्किम विश्वविद्यालय रहे। उनके साथ विशिष्ट अतिथियों के रूप में मौजूद रहे:
नीता दूबे, प्रोजेक्ट मैनेजर, एनभीएल – जिन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा पर सारगर्भित संबोधन दिया।
एस. एस. महापात्रा, वित्त विभाग, सिक्किम विश्वविद्यालय
प्रकाश सिंह निमराजे, अध्यक्ष, गोपाल किरण समाजसेवी संस्था
प्रो. योदिता भूटिया, एनईआर
धीरेन्द्र शर्मा, चांसलर, ग्लोबल आध्यात्मिक विश्वविद्यालय
डाॅ. मनीषा सुंबा एवं डाॅ. छुर्का भूटिया, असिस्टेंट प्रोफेसर, सिक्किम विश्वविद्यालय
ममता अवस्थी, शिक्षाविद
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से हुआ स्वागत
अतिथियों के स्वागत में उषा मिश्रा, अंजू कुमारी और पुनम निषाद ने मधुर स्वागत गीत प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। इसके पश्चात सिक्किम विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
वक्ताओं ने साझा किए विचार
सेमिनार में पंकज वासीन, सत्य प्रकाश यादव (गोपालगंज), पुनम निषाद (गोपालगंज), मनोज कुमार मिश्रा (बक्सर), श्वेता शरण (सहरसा), सुधांशु कुमार चतुर्वेदी, डाॅ. मनीष कुमार शशि (बक्सर), डाॅ. संतोष कुमार (बेगूसराय) एवं संगीत शिक्षिका विलमिता सहित कई वक्ताओं ने भारतीय ज्ञान प्रणाली, नवाचार और सामाजिक भूमिका पर अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए। सभी वक्ताओं ने भारतीय संस्कृति, शिक्षा और मूल्यों को पुनः स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
सम्मान समारोह और संचालन
सेमिनार में देशभर से आए 51 विशिष्ट प्रतिभागियों को उनके शैक्षणिक, सामाजिक एवं नवाचारी योगदान के लिए सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह ने आयोजन को एक नई ऊंचाई प्रदान की।
कार्यक्रम के पहले सत्र का संचालन डाॅ. छुर्का भूटिया (असिस्टेंट प्रोफेसर, सिक्किम विश्वविद्यालय) और दूसरे सत्र का संचालन डाॅ. पवन कुमार ने प्रभावशाली ढंग से किया। संपूर्ण कार्यक्रम की निगरानी और निर्देशन पवन शर्मा, प्रोफेसर, सिक्किम विश्वविद्यालय द्वारा किया गया।
नवाचार, ज्ञान और सामाजिक समर्पण की त्रिवेणी
सेमिनार की संकल्पना में भारतीय ज्ञान परंपरा को आधुनिक संदर्भों में प्रस्तुत करने, नवाचार को बढ़ावा देने और समाज के लिए शिक्षा के माध्यम से योगदान देने जैसे मूल्यों को प्रमुखता दी गई। यह आयोजन सिक्किम विश्वविद्यालय के लिए एक प्रेरणादायी और ऐतिहासिक अवसर साबित हुआ।
इस सफल आयोजन के माध्यम से आयोजकों ने देशभर के शिक्षकों, शोधकर्ताओं और समाजसेवियों को एक साझा मंच पर लाकर भारतीय ज्ञान परंपरा के पुनरुत्थान की दिशा में एक मजबूत कदम बढ़ाया है। अतिथियों को श्रीप्रकाश सिंह द्वारा फोटो युक्त फ्रेम, शिल्ड देकर सम्मानित किया।