डुमरांव. भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति तथा दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को “शिक्षक दिवस”के रूप में मनाया गया. शिक्षक दिवस समारोह का आयोजन सुमित्रा महिला महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के बैनर तले राष्ट्रीय सेवा योजना की स्वयं सेविकाओं एवं छात्राओं द्वारा किया गया.
छात्राओं द्वारा डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर शिक्षक के रूप में दिए गए उनके योगदानों को रेखांकित किया गया. महाविद्यालय की प्राचार्या सह अध्यक्ष राष्ट्रीय सेवा योजना डॉ शोभा सिंह ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहां कि डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक राजनितिज्ञ, दार्शनिक के साथ ही एक शिक्षक भी थे.
राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रो. शंभू नाथ शिवेंद्र ने कहां कि डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन अपने जीवन काल में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय में चांसलर तथा दूसरे विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलर रहते हुए छात्रों के हित में अनेक कार्य किए.
डॉ सुभाष चन्द्र शेखर ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहां कि डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपने छात्रों को उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने को कहा तथा पहली बार 5 सितंबर 1962 को उनके जन्मदिन को आधिकारिक तौर पर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया गया.
महाविद्यालय के डॉ प्रमोद कुमार सिंह, डॉ मनोज कुमार, डॉ दिनेश सिंह यादव, डॉ अर्चना, डॉ अम्बिका सिंह, डॉ बृंद बिहारी सिंह, प्रो. सुरेश चंद्र त्रिपाठी आदि शिक्षकों ने भी डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के योगदानों को छात्राओं के सम्मुख रखें.
समारोह का संचालन महाविद्यालय की छात्रा चंचल कुमारी ने किया. मौके पर प्रियांशी, ज्योति, खुशी, श्वेता, संजना, सिनू, मनिषा, बेबी आदि द्वारा भाषण एवं नृत्य संगीत प्रस्तुत किया गया.
वही मध्य विद्यालय नवाडेरा में शिक्षकों एवं बच्चों द्वारा सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए एवं केक काटकर शिक्षक दिवस मनाया गया. बच्चों को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन पर प्रकाश डालते हुए प्रभारी प्रधानाध्यापक अरुण कुमार श्रीवास्तव ने कहां कि उनके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया गया एवं वे भारत के राष्ट्रपति भी रहें. उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मना कर उन्हें सम्मान दिया जाता है. साथ ही शिक्षकों में यह प्रेरणा भी होती है कि हमें शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने की आवश्यकता है. साथ ही सभी क्लास के बच्चों ने भी अपने-अपने वर्ग शिक्षक के साथ शिक्षक दिवस मनाया. विद्यालय में हर्ष का वातावरण रहा. विद्यालय के शिक्षकों में कुमारी अनिता यादव, रूबी कुमारी, विजय लक्ष्मी, प्रीति कुमारी, खुशबू कुमारी, पुष्पा देवी, नितिन कुमार, जयप्रकाश यादव, धनंजय कुमार, रामकुमार सिंह, विजय कुमारी, नीतू वर्मा आदि शिक्षक विद्यालय में उपस्थित रहें.
भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रख्यात शिक्षाविद ,”भारत रत्न “डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर सभी विद्यालयों में शिक्षक दिवस का आयोजन किया गया. उर्दू प्राथमिक विद्यालय सरैया में छात्र–छात्राओं द्वारा विभिन्न तरह की गतिविधियां, पेंटिंग, चित्रकला, नृत्य आदि की प्रस्तुति की गई. प्रधानाध्यापक इंद्रेश कुमार मिश्रा ने बताया कि एक अच्छा शिक्षक एक मोमबत्ती की तरह होता है, वह खुद प्रज्वलित होकर दूसरों को रास्ता दिखाता है. शिक्षक तबरेज आलम ने बताया कि शिक्षक उस किसान की तरह होता है, जो बचपन से कोमल मिट्टी की तरह हमारे मस्तिष्क में ज्ञान के असंख्य बीज बोता है, जिसकी फसल हम जिंदगी भर काटते हैं. बीपीएससी शिक्षक रवि रंजन भारती ने बताया कि सत्य की राह पर चलना, जीवन के संघर्षों से लड़ना, ईमानदारी से जीना शिक्षक हमें सिखाते हैं. शिक्षा सेवक रहमतुल्लाह अली ने बच्चों के साथ विभिन्न गतिविधियों में हिस्सा लिया, उनका मनोबल बढ़ाया. कार्यक्रम में कार्तिक, डिंपल, सरोज, सत्यम, विष्णु, सुधा, शिवानी, अर्पिता आदि ने गुरु वंदना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की.
चौगाई प्रखंड अंतर्गत नचाप उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक मुक्तेश्वर प्रसाद के नेतृत्व में शिक्षक दिवस मनाया. प्रभारी प्रधानाध्यापक ने कहां कि एक शिक्षक समाज के पथ प्रदर्शक होते हैं. शिक्षक जाति, धर्म, क्षेत्रवाद, भेद-भाव, अपना पराया, छल कपट, ईर्ष्या से दूर रहकर सबके लिए समान भाव से काम करते हैं, तभी तो समाज में सम्मान मिलता है. शिक्षक को गुरु का दर्जा प्राप्त है. मौके पर शिक्षक सोनू कुमार यादव, अतुल कुमार सिंह, संजय कुमार, अमित कुमार सिन्हा, पवन कुमार सिंह, संजय कुमार तिवारी, अमित कुमार, रविशंकर यादव, आशुतोष कुमार नरेंद्र राम, दिप्ती कुमारी, कुमारी श्वेता, वसीम अख्तर ने अपने विचार रखें.