संगीत संस्थाओं का संगीत के प्रचार-प्रसार में योगदान को लेकर आयोजित हुआ ऑनलाइन व्याख्यान
पटना. राष्ट्रीय संगीतज्ञ परिवार के महानिदेशक पंडित देवेंद्र वर्मा ’ब्रजरंग’ के निर्देशन में राष्ट्रीय संगीत संवाद की 45वीं कड़ी अंतर्गत महत्वपूर्ण विषय संगीत संस्थाओं का संगीत के प्रचार प्रसार में योगदान को लेकर जूम पर एक ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया गया.
मुख्य अतिथि बाला साहेब सूर्यवंशी, अध्यक्ष अखिल भारतीय गांधर्व महाविद्यालय मुंबई, विषय विशेषज्ञ, सजल कौशल, सचिव, प्राचीन कला केंद्र चंडीगढ़, सानिध्य विश्वास जाधव, अखिल भारतीय गंधर्व महाविद्यालय मंडल, मुंबई एवं रजिस्ट्रार, विदुषी मीरा माथुर, भातखंडे संगीत विद्यापीठ लखनऊ थे.
राष्ट्रीय संगीत परिवार के महानिदेशक पंडित देवेंद्र वर्मा ’ब्रजरंग’ के स्वागत संवाद के द्वारा कार्यक्रम की शुरुआत किया गया. विषय पर प्रकाश डाला गया. तत्पश्चात अध्यक्ष की अनुमति से कार्यक्रम प्रारंभ किया गया. सबसे पहले विषय विशेषज्ञ सजल कौशल सचिव, प्राचीन कला केंद्र, चंडीगढ़ द्वारा विषय पर प्रकाश डाला गया.
उन्होंने बताया कि भारत में सर्वप्रथम अखिल भारतीय गंधर्व महाविद्यालय मंडल मुंबई की स्थापना के बाद भातखंडे संस्कृति महाविद्यालय की स्थापना की गई. इसके बाद प्रयाग संगीत समिति की स्थापना और उसके बाद प्राचीन कला केंद्र चंडीगढ़ की स्थापना हुई. यह सत्य है कि इन संस्थाओं का संगीत के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान है.
इस संस्थाओं के डिप्लोमा डिग्री पर आज बहुत सारे विद्यार्थी विभिन्न विभागों में संगीत के पद पर कार्यरत है. कार्यक्रम में अन्य विद्वानों ने भी अपना-अपना महत्वपूर्ण मत इस विषय पर दिया. वाला साहब सूर्यवंशी अध्यक्ष अखिल भारतीय का गंधर्व महाविद्यालय मंडल मुंबई द्वारा आह्वान किया गया कि सभी संगीत संस्थान के निदेशक एक मंच पर साथ आए और इस संगीत संस्थाओं के बेहतरीन के लिए कार्य करें.
जिसमें सभी संगीत संस्थाओं के निदेशक रजिस्ट्रार ने अपनी सहमति व्यक्त की. साथ मिलकर काम करने पर जोर दिया. जिसके लिए सभी संस्थाओं के द्वारा संयुक्त रूप से पंडित देवेंद्र वर्मा ’ब्रजरंग’ जी को इस कार्य के लिए आगे बढ़ाने की विनती की, जिस पर उन्होंने कहां कि मैं हमेशा इन महत्वपूर्ण कार्यों में आप लोगों के साथ हूं.
कार्यक्रम में डा. महेंद्र प्रसाद शर्मा ’बम बम’, प्रख्यात तबला वादक चंडीगढ़, डॉ लावण्य कीर्ति सिंह ’काव्या’ विभाग अध्यक्ष ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा, वीरेंद्र कुमार, डॉ राहुल स्वर्णकार,
किरण सावंत, अणिमा जैन, मंगलेश कुमार समस्तीपुर, मुकेश कुमार समस्तीपुर, अमृता कुमारी समस्तीपुर ने दिया अंत में राष्ट्रीय संगीतज्ञ परिवार के महासचिव सुषमय मिश्रा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया.