
चकिया (पूर्वी चंपारण)। शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली नवसृजित प्राथमिक विद्यालय बरमदिया इजमाल, चकिया की शिक्षिका वंदना कुमारी को उत्तर प्रदेश के बदायूं में आयोजित दशम संतपाल सिंह राठौर स्मृति राष्ट्रीय सम्मान समारोह 2025 में एक साथ तीन प्रतिष्ठित सम्मानों से सम्मानित किया गया। उन्हें राष्ट्रीय उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान, हिंदी सेवी सम्मान, और नारी शक्ति सम्मान प्रदान किया गया।
यह भव्य समारोह 15 जुलाई 2025 को जन दृष्टि व्यवस्था सुधार मिशन के तत्वावधान में प्रभा शंकर मेमोरियल स्काउट भवन, बदायूं (उ.प्र.) में संपन्न हुआ। इसमें भारत के 28 राज्यों से चयनित नवाचारी शिक्षकों, समाजसेवियों, साहित्यकारों और महिला सशक्तिकरण में योगदान देने वाली विभूतियों को विभिन्न राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किए गए।
शिक्षिका वंदना कुमारी ने मंच से अपनी भावनाएँ साझा करते हुए कहा कि यह सम्मान न सिर्फ उनके व्यक्तिगत कार्यों की सराहना है, बल्कि बिहार के शिक्षा क्षेत्र का भी गौरव बढ़ाने वाला क्षण है। उन्होंने इस मंच पर “हमारा बिहार” नामक अपनी स्वरचित कविता के माध्यम से बिहार की संस्कृति, चेतना और शिक्षा के प्रति समर्पण को दर्शाया, जिससे समारोह में उपस्थित लोग अभिभूत हो उठे।
उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम केवल एक सम्मान समारोह नहीं था, बल्कि एक ऐसा अवसर था जहाँ देश भर से आए प्रेरक शिक्षक और समाजसेवी अपने नवाचारों, विचारों और अनुभवों को साझा कर रहे थे। इसमें शिक्षा, साहित्य और समाज सेवा के विभिन्न क्षेत्रों के उत्कृष्ट कार्यों को मंच मिला।
वंदना कुमारी की इस शानदार उपलब्धि पर विद्यालय परिवार, शिक्षा जगत के सहयोगियों और शुभचिंतकों ने उन्हें बधाइयाँ दीं। बधाई देने वालों में विकास श्रीवास्तव, अमर कुमार, विजय कुमार, भारत भूषण आज़ाद, कुमारी सुमन, अर्चना रानी, सविता कुमारी, नुरुल होदा और मोहम्मद समी अख्तर प्रमुख रूप से शामिल रहे।
उनकी यह उपलब्धि न केवल चकिया प्रखंड और पूर्वी चंपारण जिले के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह देशभर के शिक्षकों के लिए प्रेरणा स्रोत भी बनी है। वंदना कुमारी ने यह प्रमाणित कर दिखाया कि लगन, मेहनत और निष्ठा से किसी भी शिक्षक को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई जा सकती है।