
पटना। शिक्षा सागर फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित गुजरात में “सरदार पटेल राष्ट्रीय नवाचारी शिक्षक सम्मान” समारोह देशभर के शिक्षकों के लिए एक गौरवपूर्ण अवसर बनकर उभरा। इस समारोह में देश के कोने-कोने से चयनित नवाचारी शिक्षकों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इस सम्मान समारोह की विशेष बात यह रही कि बिहार के छह नवाचारी शिक्षकों को भी इस मंच से सम्मानित किया गया, जो राज्य के लिए अत्यंत गर्व की बात है।
इस गरिमामय अवसर पर शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए मंच पर देश के प्रतिष्ठित हस्तियाँ उपस्थित रहीं। पद्म श्री सम्मानित गेना भाई पाटिल के हाथों शिक्षकों को सम्मानित किया गया, जो स्वयं नवाचार और सामाजिक परिवर्तन के प्रतीक माने जाते हैं। उनके द्वारा दिया गया सम्मान हर शिक्षक के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा।
इस मौके पर राजेंद्र जानी, यूनिसेफ के मुख्य सलाहकार (शिक्षा), भरत भाई चौधरी, खंड शिक्षा अधिकारी, चंदूभाई मोदी, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता, राजेंद्र जी (हरियाणा), कल्याणसिंह पुवार, सामाजिक कार्यकर्ता और डॉ. जय, अध्यक्ष, बी.डी.एस एसोसिएशन जैसे प्रतिष्ठित लोग मौजूद रहे। इन सभी ने शिक्षकों के कार्यों की सराहना करते हुए शिक्षा क्षेत्र में नवाचार को समय की आवश्यकता बताया।
बिहार से सम्मानित शिक्षकों में शामिल हैं:
प्रेम सखी सिंह और अरविंद कुमार सिंह (मुंगेर)
अरविंद कुमार नायक (पूर्वी चंपारण)
राकेश कुमार (समस्तीपुर)
लागमणि देवी (समस्तीपुर)
मिनाक्षी मिश्रा
इन शिक्षकों ने शिक्षा के पारंपरिक ढांचे से इतर नवाचारी तरीकों को अपनाकर छात्रों की शिक्षा को रोचक, प्रभावशाली और जीवनोपयोगी बनाया है। इन्होंने डिजिटल टूल्स, बाल सहभागिता, सामाजिक मुद्दों पर आधारित शिक्षण विधियों और स्थानीय संसाधनों के रचनात्मक उपयोग से विद्यालय शिक्षा में नयापन लाया है।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि आज की शिक्षा व्यवस्था को भविष्य के अनुकूल बनाने के लिए ऐसे ही नवाचारी प्रयासों की आवश्यकता है। बिहार के शिक्षकों का यह सम्मान न सिर्फ राज्य बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणादायक उदाहरण है।
समारोह के अंत में सभी शिक्षकों को प्रमाण पत्र, स्मृति चिन्ह और सम्मान पत्र भेंट किया गया। शिक्षा सागर फाउंडेशन ने भविष्य में भी ऐसे नवाचारी शिक्षकों की खोज और सम्मान का संकल्प लिया।
यह कार्यक्रम देशभर में शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और उत्कृष्टता की दिशा में एक सशक्त पहल के रूप में याद किया जाएगा।