पटनाबिहार

“शिक्षा में बदलाव” सेमिनार व महर्षि विश्वामित्र गुरु सम्मान 2025 को लेकर ऑनलाइन बैठक आयोजित

पटना। आगामी 31 अगस्त 2025 को प्रस्तावित “शिक्षा में बदलाव” विषय पर आधारित सेमिनार व महर्षि विश्वामित्र गुरु सम्मान 2025 के आयोजन की तैयारियों को लेकर एक महत्वपूर्ण ऑनलाइन बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में देश के विभिन्न राज्यों जैसे जम्मू-कश्मीर, गुजरात, उत्तर प्रदेश और बिहार के कई जिलों से शिक्षकों ने भाग लिया।

बैठक का मुख्य उद्देश्य 31 अगस्त को प्रस्तावित कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करना और आयोजन को सफल बनाने हेतु विभिन्न आयामों पर विचार-विमर्श करना था। इसमें शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे बदलावों, नई शिक्षा नीति के प्रभाव, डिजिटल शिक्षा के अवसर और चुनौतियों, तथा शिक्षकों की भूमिका जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।

बैठक की प्रमुख बातें इस प्रकार रहीं

  1. सेमिनार का उद्देश्य: सेमिनार का मुख्य उद्देश्य देश भर के शिक्षकों को एक मंच पर लाकर शिक्षा में आ रहे परिवर्तनों पर मंथन करना और श्रेष्ठ शिक्षकों को सम्मानित करना है।
  2. सम्मान की प्रक्रिया: “महर्षि विश्वामित्र गुरु सम्मान 2025” के अंतर्गत देशभर से चयनित शिक्षकों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए एक नामांकन प्रक्रिया शुरू की जाएगी जिसमें शिक्षकों की उपलब्धियों का मूल्यांकन किया जाएगा।
  3. प्रस्तावित स्थल और माध्यम: चूंकि कार्यक्रम देशव्यापी स्तर पर होगा, इसलिए इसका आयोजन ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों रूपों में करने पर सहमति बनी ताकि दूरदराज के प्रतिभागी भी शामिल हो सकें।
  4. मुख्य वक्ता और अतिथि: बैठक में प्रस्ताव रखा गया कि शिक्षा क्षेत्र से जुड़े प्रतिष्ठित व्यक्तियों, विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं को आमंत्रित किया जाएगा ताकि प्रतिभागियों को बेहतर मार्गदर्शन मिल सके।
  5. प्रचार-प्रसार और सहभागिता: शिक्षकों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु सोशल मीडिया, ईमेल, और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने का निर्णय लिया गया। साथ ही स्थानीय स्तर पर शिक्षण संस्थानों से संपर्क कर आमंत्रण भेजे जाएंगे।

बैठक के समापन पर यह तय किया गया कि अगले चरण की बैठक मई के अंतिम सप्ताह में की जाएगी, जिसमें नामांकन की प्रक्रिया, चयन समिति का गठन तथा कार्यक्रम की अन्य व्यवस्थाओं पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

यह आयोजन न केवल शिक्षकों को सम्मानित करने का माध्यम बनेगा, बल्कि शिक्षा के वर्तमान और भविष्य पर विचार-विमर्श का एक सार्थक मंच भी प्रस्तुत करेगा।

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