डुमरांव. बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ, परिवर्तनकारी प्रारम्भिक शिक्षक संघ एवं शिक्षक संघ बिहार के संयुक्त तत्वावधान में शिक्षक नियमावली-2023 के विरोध में शिक्षकों ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षामंत्री का पुतला दहन प्रखंड मुख्यालय के समक्ष किया. आक्रोशित शिक्षको ने मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री के विरोध में नारे लगाकर अपनी आवाज बुलंद किया. शिक्षक संघ के मिडिया प्रभारी उपेंद्र पाठक ने कहां कि केवल नियोजित शिक्षक ही हमेशा परीक्षा लेने के लिए सरकार को मिल रहें है.
अगर परीक्षा ही लेना है, तो सभी विभागों के पदाधिकारियों का लिया जाय कि वे कार्य मे दक्ष है या नही. सरकार केवल नियोजित शिक्षकों को टारगेट बनाकर आये दिन कोई न कोई परीक्षा लेने की बातें क्यों कर रही है. जिनकी सेवा 20 वर्ष हो गया वह बुढापे में कौन से परीक्षा में बैठेंगे या अपने बाल बच्चों परिवार पर ध्यान दें. बीपीएससी की परीक्षा की तैयारी की उम्र होती है. लेकिन दुर्भाग्य है कि जिनको कोई परीक्षा नही देना वो दुसरों की परीक्षा लंे रहें है.अनुमंडल अध्यक्ष नवनीत कुमार ने सरकार को यह भी चेताया कि अगर सरकार नियमावली में संसोधन नही करती है तो जातिय जनगणना का कार्य भी प्रभावित होगा.
शिक्षक मजबूर होकर जातिय जनगणना कार्य का बहिष्कार करने के लिए बाध्य होंगे. इस अवसर पर कुमार विमल, पशुपति नाथ सिंह, अमित, अजय कुमार सिंह, चंदन पांडेय, सुनील, सचिंद्र तिवारी, अभयानंद प्रजापति, संजय रंजन सिन्हा, गौतम, कमलेश पाठक, जितेंद्र प्रसाद, दीपक, संजय सिंह, रविश तिवारी, जितेंद्र ठाकुर, निर्भय यादव, रामजीत सिंह, तबरेज आलम, राजू गुप्ता, ललन यादव, पूर्णानंद मिश्र, धीरज पांडेय, अरुण श्रीवास्तव,, जयप्रकाश यादव, अजगैबी नाथ दुबे, सोनू साह, अंशुमान सिंह, नवीन तिवारी, नरेश कुमार, अनिता यादव, उर्मिला, विनीता, खुशबू, सीमा, निशा, अंजली सहित सैकड़ों शिक्षकों ने भाग लिया.