वीर कुंवर सिंह कृषि कालेज में हुई फसल अवशेष प्रबंधन कार्यशाला, किसानों को बांटा ज्ञान
डुमरांव. वीर कुंवर सिंह कृषि कालेज के बहुदेश्यीय भवन में बुधवार को जल जीवन हरियाली के तहत फसल अवशेष प्रबंधन कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसका उदघाटन अतिथि के तौर पर उपस्थित डीएम अंशुल अग्रवाल, कालेज के प्राचार्य सह अधिष्ठाता प्रो मुकेश कुमार सिन्हा, डा देवकरण केवीके, बक्सर, डा शोभा रानी केवीके रोहतास, डा पीके द्विवेदी केवीके आरा, उन्नतशील मुजफ्फरपुर के आनंद कुमार ठाकुर ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया.
डीएम ने अपने संबोधन में कहां कि यह पहला कार्यक्रम कृषि कालेज में है. किसानो को पराली न जलाने की अपील को वो प्राथमिकता में रखते हैं, सभी जगह यही अपील करते हैं कि किसान पराली न जलाएं. उन्होंने कहा कि जिले में पराली जलाने से सैकड़ों किसानों की डीबीटी रद्द हुई.कार्यशाला में तीन जिलों के किसान, कृषि वैज्ञानिक सहित कृषक प्रतिनिधि भी मौजूद रहें.
इस दौरान फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर किसानों को जानकारी दी गई और पराली जलाने के बजाय इसके अन्य विकल्पों पर कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों ने भी जानकारी ली. मंच का संचालन वैज्ञानिक डा. चित्रा शुक्ला एवं डा. सुमन कुमारी ने किया. कार्यक्रम में उपस्थित सभी वैज्ञानिकों ने अपनी अपनी बातों को रखा. सभी ने कहा कि पराली जलाने से मिट्टी में जैविक कार्बन की मात्रा में ज्यादा कमी हो रही है, इस कारण कई स्थानों की मिट्टी बंजर भी हो रही है.
कार्यशाला में बताया गया कि खेत में फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण प्रदूषण के साथ मृदा को भी नुकसान पहुंचता है. फसल अवशेष प्रबंधन की कार्यशाला में पहुंचे विशेषज्ञों ने इसकी बेहतर जानकारी दी.
खेतों में किसान पराली आदि जलाकर प्रदूषण फैलाने के साथ मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी क्षीर्ण कर देते थे, जबकि इस कार्यशाला में यही सिखाया गया कि किस तरह से खेतों में फसल अवशेष का प्रबंध करना है. मौके पर डा एके जैन, डा उदय कुमार, डा सुदय प्रसाद, सुबोध कुमार, डा रंजीत कुमार, शाहीन नाज, डा प्रदीप कुमार, डा रियाज अहमद, कृषक प्रतिनिधि आनंद कुमार ठाकुर सहित अन्य उपस्थित रहें.