डुमरांव. पीड़ित मानवता की सेवा में जो व्यक्ति, संस्था अनवरत प्रयासरत है, वास्तव में वह इंसान देवता का दूत समाज के सामने होता है. उक्त वाक्य विश्व रेडक्रॉस दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में कुमार पंकज अनुमंडल पदाधिकारी डुमराव के हैं, पदाधिकारी ने सदस्यों को समाज में सकारात्मक कार्य की प्रेरणा दी. कार्यक्रम का शुभारंभ जिला उपशाखा के कार्यालय में झंडा तोलन से प्रारंभ हुआ, झंडा तोलन के पश्चात संस्था के संस्थापक के तैलचित्र पर पुष्प अर्जित किया गया.
महाराज चंद्र विजय सिंह जी ने समाज सेवा निस्वार्थ, मानवता, निष्पक्षता, तटस्था, स्वतंत्रता, स्वैच्छिक सेवा, एकता और सार्वभौमिकता जो संस्था के प्रमुख उद्देश्य है, उस पर सदस्यों को आगे चलने की प्रेरणा दी. संगोष्ठी का शीर्षक सेवा पीड़ित मानवता का रखा गया था. संगोष्ठी में मंच संचालन का दायित्व डॉ मनीष कुमार शशि ने बखूबी निभाया.
विगत रक्तदान शिविर में विशेष योगदान करने वाले सदस्य विवेक अमित को औपचारिक रूप से उद्घाटन करता अनुमंडल पदाधिकारी और मुख्य अतिथि चंद्र विजय सिंह के सामने संस्था के नए सदस्य के रूप में जोड़ा गया.
संस्था के सचिव डॉ बालेश्वर सिंह संस्थापक के परिवारिक पृष्ठभूमि और समाज सेवा में उनकी प्रवेश को रेखांकित किया. पूर्व सचिव शत्रुघ्न प्रसाद ने बताया कि विश्व के 180 देशों में शाखाएं कार्यरत हैं. संगोष्ठी में विषय प्रवेश शिक्षक ब्रह्मा पांडे ने किया और अपने जीवन के अनुभव और विश्व इतिहास के मानव सेवा के उदाहरण को संगोष्ठी में रखा.
2023 का थीम मानवतावाद की भावना का जश्न मनाने और उन व्यक्तियों को पहचानने का समय है जो अपने समुदायों में बदलाव लाते हैं. संस्था के संस्थापक को 1901 ईसवी में शांति का नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ. संस्था को 1917, 1944 और 1963 में शांति का नोबेल पुरस्कार प्राप्त कर चुकी है.
समाज सेवा से जुड़े वक्ता कोषाध्यक्ष विमलेश कुमार, डॉ विनीता सिंह, अक्षरा सिंह, अशोक कुमार सिंह, धीरेंद्र सिंह, राजीव रंजन सिंह, वंशीधर मिश्र, रघुनाथ मिश्र, मोहन चौधरी, डॉ बी एल प्रवीण, विमलेश सिंह, सुरेंद्र राय, मोहम्मद वाहिद अंसारी, उमेश गुप्ता, रणधीर प्रताप सिंह, भास्कर मिश्रा, कमलेश राय, सौरभ कुमार राय इत्यादि लोगों ने संगोष्ठी में अपने-अपने विचार से प्रभावित किया.