विद्यालय में तिलक, फूल और चॉकलेट से हुआ बच्चों का स्वागत, ‘वेलकम सेल्फी स्टैंड’ बना आकर्षण

नवसृजित प्राथमिक विद्यालय बरमदिया इजमाल, चकिया में ग्रीष्मावकाश के बाद शिक्षिका वंदना कुमारी की अनूठी पहल ने जीता बच्चों का दिल
चकिया (बिहार)। ग्रीष्म अवकाश के उपरांत जब नवसृजित प्राथमिक विद्यालय बरमदिया इजमाल में सोमवार को बच्चों की चहचहाहट गूंजी, तो विद्यालय परिसर एक उत्सव स्थल की तरह नजर आया। बच्चों का स्वागत एक विशेष और स्नेहपूर्ण अंदाज में किया गया, जिससे विद्यालय का माहौल पूरी तरह आनंदमय हो गया।
विद्यालय की शिक्षिका वंदना कुमारी ने बच्चों के पहले दिन को यादगार बनाने के लिए एक अनोखी पहल की। उन्होंने सभी बच्चों का स्वागत तिलक लगाकर, फूलों की वर्षा करते हुए और चॉकलेट देकर किया। इस आत्मीय स्वागत से बच्चे अत्यंत प्रसन्न हुए। उनके चेहरों की मुस्कान यह बता रही थी कि यह दिन उनके लिए कितना खास और दिल से जुड़ा हुआ था।
इस विशेष अवसर को और भी रंगीन बनाने के लिए शिक्षिका वंदना कुमारी ने खुद के द्वारा तैयार किया गया एक सुंदर ‘वेलकम सेल्फी स्टैंड’ भी लगाया। बच्चे उत्साहपूर्वक सेल्फी स्टैंड के बीच खड़े होकर फोटो खिंचवाते रहे और इस क्षण को अपने मन में संजोते नजर आए। बच्चों के चेहरे की मुस्कान और उनकी चहक इस बात की गवाही दे रही थी कि यह पहल उनके दिल को छू गई है।
शिक्षिका वंदना कुमारी ने बताया कि, “जब बच्चों को विद्यालय में परिवार जैसा माहौल मिलता है, तो वे न सिर्फ विद्यालय के प्रति आकर्षित होते हैं, बल्कि पढ़ाई में भी रुचि लेने लगते हैं। बच्चों को अपनापन, स्नेह और उत्साह से भरा वातावरण मिलना जरूरी है, तभी वे खुलकर सीखने की ओर अग्रसर होते हैं।”
विद्यालय में बच्चों के पहले दिन को उत्सव की तरह मनाने की यह पहल न केवल बच्चों के मनोबल को बढ़ाती है, बल्कि उनके विद्यालय के प्रति जुड़ाव को भी मजबूत करती है। इससे यह स्पष्ट होता है कि यदि विद्यालय एक परिवार जैसा वातावरण प्रदान करें, तो बच्चों की उपस्थिति, सीखने की रुचि और शैक्षणिक प्रदर्शन में स्वतः सुधार होता है।
इस आयोजन से यह भी सीख मिलती है कि शिक्षा केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बच्चों की भावनाओं, आत्मविश्वास और मनोवैज्ञानिक विकास से भी गहराई से जुड़ी होती है। शिक्षिका वंदना कुमारी की इस रचनात्मक सोच और संवेदनशीलता ने साबित कर दिया कि यदि शिक्षक चाहे तो विद्यालय को बच्चों के लिए सबसे प्रिय स्थान बना सकते हैं।
यह आयोजन निश्चित ही अन्य शिक्षकों और विद्यालयों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।



