
बक्सर। बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम 2011 के तहत आमजनों को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण सेवाओं की प्रदायगी सुनिश्चित करने में बक्सर जिला ने फिर से अपनी प्रतिष्ठा कायम रखी है। जिलाधिकारी श्री अंशुल अग्रवाल के उत्कृष्ट नेतृत्व और दूरदर्शी मार्गदर्शन के परिणामस्वरूप मार्च 2025 की जारी रैंकिंग में बक्सर जिला ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी (सामान्य प्रशासन विभाग), बिहार सरकार द्वारा रैंकिंग जारी किया गया है।भागलपुर जिला को द्वितीय एवं जहानाबाद जिला को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है।
यह रैंकिंग समय सीमा के भीतर सेवा प्रदायगी, दायर अपीलों का निष्पादन, अधिरोपित दंड राशि की वसूली, और लोक सेवा केंद्रों के निरीक्षण जैसे मापदंडों पर आधारित होती है। मार्च 2025 में बक्सर जिला को कुल 100 अंकों में से 89.992 अंक प्राप्त हुए।
आमजनों को समय पर सेवा प्रदान करने हेतु प्रतिबद्ध
जिलाधिकारी प्रत्येक माह लोक सेवकों के साथ समीक्षात्मक बैठक आयोजित करते हैं, जिससे लोक सेवाओं की प्रदायगी में लगातार सुधार सुनिश्चित हो। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया है कि सेवाओं में देरी या लापरवाही किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होगी। समय सीमा का उल्लंघन करने पर संबंधित लोक सेवकों पर अधिनियम के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह उपलब्धि जिला प्रशासन की समर्पण और आम नागरिकों के प्रति उनकी सेवा भावना का प्रमाण है। यह सफलता न केवल जिले की प्रशासनिक क्षमता को दर्शाती है, बल्कि इससे जिलों के अन्य विभागों लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनाती है।
नोडल पदाधिकारी, लोक सेवा अधिकार -सह-अपर समाहर्ता (विभागीय जाँच) ने कहा कि बक्सर जिला की यह निरंतरता यह सुनिश्चित करती है कि लोक सेवाओं की प्रदायगी में उत्कृष्टता बनाए रखते हुए, प्रशासन आम जनता के जीवन को सुगम और संतुष्टिपूर्ण बनाने के अपने लक्ष्य को सफलतापूर्वक पूरा कर रहा है। आम जन को नियत समय सीमा में सेवा दी जाय, इसके लिए जिला स्तर पर भी एक कोषांग बना कर इसका सतत अनुश्रवन किया जाता है। लोक सेवा अधिकार कोषांग द्वारा प्रतिदिन सभी सेवाओं में प्राप्त आवेदनों एवं निष्पादित आवेदनों की समीक्षा की जाती है।
विदित हो कि माह अगस्त से ही बक्सर जिला लोक सेवाओ का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत राज्य स्तर पर जारी रैंकिंग में प्रथम स्थान प्राप्त कर रहा है जो कि जिले के लिए गौरव की बात है।
जाने बिहार लोक सेवाओ के अधिकार अधिनियम के बारे में…
बिहार लोक सेवाओं के अधिकार अधिनियम-15 अगस्त, 2011 को बिहार में लागू किया गया और राज्य सरकार और इसकी एजेंसियों के लिए यह निर्धारित समय सीमा के भीतर लोगों को सार्वजनिक सेवाएं प्रदान करने के लिए अनिवार्य कर दिया था, विफल रहने पर सरकारी अधिकारी दंड के लिए उत्तरदायी हैं।
इस अधिनियम के अंतर्गत सभी प्रखंड सह अंचल कार्यालय में सिंगल विंडो के तहत लोक सेवा काउंटर बनाए गए है जहां आम जन आसानी से ऑफलाइन आवेदन जमा एवं प्राप्त कर सकते है। वही इस अधिनियम की और सरल बनाते हुए ऑनलाइन माध्यम से भी आवेदन करने एवं प्रमाण पत्र प्राप्त करने को सुविधा प्रदान की गई है।
नई व्यवस्था :-
नई व्यवस्था के तहत अब सभी पंचायत सरकार भवन/पंचायत भवन पर भी लोक सेवा अधिकार काउंटर खोले गए है | इस व्यवस्था के तहत आम जन अब अपने पंचायत से भी इन सेवाओ को जमा एवं प्राप्त कर सकते है।