लू से बचाव के लिए विद्यार्थियों को दी गई अहम जानकारी, जगतारिणी उत्क्रमित उच्च विद्यालय खम्हार में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम

लू से बचाव के लिए विद्यार्थियों को दी गई अहम जानकारी
जगतारिणी उत्क्रमित उच्च विद्यालय खम्हार में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम
समस्तीपुर, शनिवार। बढ़ती गर्मी और तेज धूप के चलते लू लगने की घटनाएं आम होती जा रही हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए समस्तीपुर जिले के जगतारिणी उत्क्रमित उच्च विद्यालय खम्हार में शनिवार को एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विद्यालय की शिक्षिका सुमन सौरभ ने छात्रों को लू से बचाव के लिए कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ दीं।
कार्यक्रम के दौरान शिक्षिका ने बताया कि गर्मी के मौसम में शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए विशेष सावधानी बरतना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बच्चों को समझाया कि इस मौसम में हमेशा सूती और ढीले कपड़ों का उपयोग करना चाहिए। ऐसे कपड़े शरीर को हवा लगने देते हैं और गर्मी से राहत पहुंचाते हैं।
सुमन सौरभ ने बताया कि गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की कमी बहुत जल्दी हो जाती है, इसलिए दिनभर में अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए। साथ ही नींबू पानी और नारियल पानी जैसे प्राकृतिक पेय पदार्थों का सेवन करना भी अत्यंत लाभकारी होता है। उन्होंने ओआरएस घोल के प्रयोग पर भी ज़ोर दिया, जो शरीर में खोए हुए लवण और जल की पूर्ति करता है।
उन्होंने बच्चों को यह भी समझाया कि दोपहर 12 बजे से लेकर 4 बजे तक का समय सबसे अधिक गर्म होता है, इसलिए इस समय के दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। यदि बाहर निकलना जरूरी हो, तो सिर को दुपट्टे, टोपी या छाते से ढककर निकलना चाहिए।
कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि तेज धूप में खाली पेट घर से नहीं निकलना चाहिए और नंगे पैर चलने से बचना चाहिए क्योंकि इससे शरीर पर गर्मी का दुष्प्रभाव और अधिक बढ़ सकता है।
अंत में शिक्षिका ने यह भी बताया कि यदि किसी व्यक्ति को लू लगने के लक्षण दिखाई दें जैसे तेज बुखार, चक्कर आना या उल्टी, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। समय पर इलाज से गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है।
विद्यालय के प्रधानाचार्य ने इस जागरूकता कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि इस तरह की जानकारी बच्चों के लिए बेहद उपयोगी होती है, जिससे वे स्वयं भी सुरक्षित रह सकते हैं और अपने परिवार को भी जागरूक कर सकते हैं।
इस कार्यक्रम में छात्रों ने ध्यानपूर्वक शिक्षिका की बातें सुनी और लू से बचाव के उपायों को अपनाने का संकल्प लिया। विद्यालय में इस तरह की पहल से बच्चों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ रही है, जो कि अत्यंत सराहनीय प्रयास है।