“रेड डॉट चैलेंज” में जगतारिणी उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खम्हार का सराहनीय योगदान

छात्र-छात्राओं के साथ शिक्षकों व रसोइया माताओं ने दिखाया जागरूकता का अद्भुत उदाहरण
समस्तीपुर (बिहार)। विभूतिपुर प्रखंड के अंतर्गत जगतारिणी उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, खम्हार में हाल ही में आयोजित “रेड डॉट चैलेंज” कार्यक्रम ने सामाजिक जागरूकता की एक नई मिसाल पेश की। इस अभियान के माध्यम से विद्यालय ने नारी स्वास्थ्य, मासिक धर्म से जुड़ी चुप्पियों को तोड़ने तथा छात्राओं को आत्मबल से सशक्त बनाने का एक मजबूत संदेश दिया।
विद्यालय में इस जागरूकता अभियान में छात्र-छात्राओं के साथ-साथ प्रधानाध्यापक, सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं रसोईया माताएं भी सक्रिय रूप से शामिल हुईं। सभी ने एक स्वर में यह संदेश दिया कि अब समय आ गया है कि मासिक धर्म जैसे सामान्य और प्राकृतिक विषयों पर भी खुलकर बात की जाए और इससे जुड़ी झिझक को समाप्त किया जाए।
श्रीमती सुमन सौरभ MHM नोडल अधिकारी,(शिक्षिका) ने इस कार्यक्रम को लेकर गंभीरता दिखलाई। महावारी स्वच्छता दिवस संबंधित कोटेशन बोले तथा बढ़िया कार्यक्रम भी आयोजित किए।
कार्यक्रम की शुरुआत स्कूल परिसर में एक विशेष सभा से हुई, जिसमें “रेड डॉट चैलेंज” के तहत छात्राओं और शिक्षिकाओं ने अपने हाथों पर लाल बिंदु बनाकर यह संदेश दिया कि मासिक धर्म पर चुप रहना अब नहीं चलेगा। “चुप्पी तोड़ेंगे, हम भी बोलेंगे” जैसे नारे पूरे परिसर में गूंजते रहे, जिसने वातावरण को सशक्त और प्रेरणादायक बना दिया।
प्रधानाध्यापक ने अपने संबोधन में कहा, “यह पहल केवल छात्राओं के लिए नहीं, पूरे समाज के लिए है। जब हम मासिक धर्म पर खुलकर चर्चा करेंगे, तभी इससे जुड़े भ्रम, शर्म और भेदभाव खत्म होंगे।” उन्होंने बताया कि विद्यालय हमेशा से ऐसे सामाजिक मुद्दों पर सकारात्मक भूमिका निभाता रहा है और आगे भी निभाता रहेगा।
रसोईया माताओं की उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को और भी भावनात्मक तथा प्रभावशाली बना दिया। उन्होंने बताया कि पहले वे भी इन विषयों पर बात करने से हिचकती थीं, लेकिन अब उन्हें गर्व है कि वे इस बदलाव का हिस्सा बन रही हैं।
छात्राओं ने कार्यक्रम को लेकर अपनी उत्सुकता और आत्मविश्वास को साझा करते हुए कहा कि इस अभियान ने उन्हें खुद को समझने, आत्मसम्मान बढ़ाने और समाज में बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया है।
विद्यालय के शिक्षकों ने भी यह संकल्प लिया कि वे भविष्य में भी ऐसे अभियानों को निरंतर जारी रखेंगे और बच्चों को न केवल शैक्षणिक रूप से, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी जागरूक बनाते रहेंगे।
यह कार्यक्रम यह साबित करता है कि जब विद्यालय और समुदाय मिलकर किसी सामाजिक बदलाव के लिए कदम उठाते हैं, तो उसका प्रभाव गहरा और दूरगामी होता है। “रेड डॉट चैलेंज” के माध्यम से जगतारिणी विद्यालय ने नारी गरिमा, स्वास्थ्य और आत्मबल के प्रति जागरूकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है, जो निश्चित ही अन्य संस्थानों के लिए प्रेरणा बनेगी।



