उत्तर प्रदेशशिक्षा

राष्ट्रीय शैक्षिक नवाचार कार्यशाला वृन्दावन में सम्पन्न, देशभर के नवाचारी शिक्षकों ने साझा किए प्रेरणादायक प्रयोग

वृन्दावन। केशव धाम में राष्ट्रीय शैक्षिक नवाचार कार्यशाला का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें देशभर से आए नवाचारी शिक्षकों ने अपने उत्कृष्ट शैक्षिक प्रयोगों का प्रभावशाली प्रस्तुतीकरण किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। सरस्वती वंदना, स्वागत गीत, शिक्षा गीत, देशभक्ति गीत, राधा-कृष्ण नृत्य आदि आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम में विशेष रंग भर दिया।

कार्यशाला में शैक्षिक नवाचार एसोसिएशन मथुरा की जिलाध्यक्ष श्रीमती अंजू गौतम एवं उनकी टीम द्वारा सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का पारंपरिक तिलक लगाकर स्वागत किया गया। विभिन्न प्रदेशों से पधारे शिक्षकों ने अपने-अपने नवाचारों को प्रभावशाली पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टीचर्स ऑर्गनाइजेशन के राष्ट्रीय महासचिव श्री सी.एल. रोज ने शैक्षिक नवाचार एसोसिएशन के प्रयासों की सराहना करते हुए घोषणा की कि अब यह कार्यशाला प्रतिवर्ष आयोजित की जाएगी, जिससे शिक्षक अपने नवाचारों का आदान-प्रदान कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि इन नवाचारों को यदि शिक्षण में लागू किया जाए, तो छात्रों को व्यापक लाभ मिल सकता है।

कार्यशाला में प्रतिभागी शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। प्रदेश अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय शैक्षिक नवाचार कमेटी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार सिंह ने आयोजन की विस्तृत जानकारी दी एवं सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों के प्रति आभार प्रकट किया।

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहे झारखंड के डॉ. सपन कुमार, जिन्होंने कोरोना काल में ‘हर घर विद्यालय’ अभियान के तहत पूरे गांव की दीवारों को ब्लैक बोर्ड में बदल दिया, जिससे बच्चे और बड़े घर बैठे पढ़ाई कर सकें। वहीं झांसी से आए श्री मोहनलाल सुमन ने मात्र ₹2000 की लागत से एक AI आधारित रोबोट ‘सुमन मैडम’ का निर्माण किया, जो कक्षा में बच्चों को पढ़ाने के साथ उनकी शंकाओं का समाधान भी करती है।

इस कार्यशाला ने न केवल नवाचारी शिक्षकों को मंच प्रदान किया, बल्कि एक-दूसरे से सीखने व प्रेरणा लेने का सुनहरा अवसर भी उपलब्ध कराया। अध्यापकों से हुई मुलाकात और उनकी सराहना ने कार्यक्रम को और भी भावनात्मक रूप से समृद्ध बना दिया। कान्हा की नगरी में यह अनुभव सभी प्रतिभागियों के लिए अविस्मरणीय रहा।

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