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राजकीय व राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक होंगे ‘शिक्षा की बात : हर शनिवार’ कार्यक्रम के विशेष एपिसोड में शामिल

शिक्षा विभाग, बिहार द्वारा विशेष आमंत्रण — 13 जून को विकास भवन, पटना में होगा आयोजन

पटना। बिहार सरकार के शिक्षा विभाग, प्राथमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से राज्य के उन शिक्षकों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है जिन्हें राष्ट्रीय या राजकीय शिक्षक सम्मान प्राप्त हो चुका है। इन शिक्षकों को ‘शिक्षा की बात: हर शनिवार’ कार्यक्रम के विशेष एपिसोड में आमंत्रित किया गया है, जो दिनांक 13 जून 2025 (शुक्रवार) को आयोजित किया जाएगा।

प्रतिभागी शिक्षक होंगे प्रेरणा के स्रोत, इस विशेष एपिसोड में भाग लेने हेतु निम्नलिखित शिक्षकों को आमंत्रण भेजा गया है :- द्विजेन्द्र कुमार, प्रधानाध्यापक, मध्य विद्यालय, मधुबन, बाजपट्टी, सीतामढ़ी/अनिल कुमार सिंह, प्रधान शिक्षक, आदर्श बालिका +2 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, रामगढ़, कैमूर/कुमारी निशि, विशिष्ट शिक्षिका, महादेवा उच्च विद्यालय, खुशरूपुर, पटना/कुमारी गुड्डी, सहायक शिक्षिका, उत्क्रमित मध्य विद्यालय, बेलवा, काशीपुर, किशनगंज/श्रीकान्त कुमार, विद्यालय अध्यापक, उत्क्रमित मध्य विद्यालय, टांडापर, शेखपुरा। इन सभी शिक्षकों ने शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देकर राज्य व देश का नाम रोशन किया है। अब उन्हें शिक्षा विभाग की इस विशेष पहल में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का अवसर दिया जा रहा है।

शिक्षा विभाग का उद्देश्य – सुझाव व संवाद

कार्यक्रम का उद्देश्य केवल सम्मानित शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज कराना नहीं, बल्कि शिक्षा में नवाचार, जमीनी चुनौतियों, समाधान और भविष्य की योजनाओं पर सीधा संवाद स्थापित करना है। आमंत्रित शिक्षक अपने अनुभव, सुझाव और समस्याएं शिक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारियों के समक्ष प्रत्यक्ष रूप से प्रस्तुत करेंगे।

समय व स्थान का विवरण

कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 13 जून 2025 (शुक्रवार) को अपराह्न 05:00 बजे, पटना स्थित विकास भवन के शिक्षा विभाग परिसर में किया जाएगा। सभी आमंत्रित प्रतिभागियों से समय से पहुंचने की अपील की गई है।

एक सराहनीय पहल

‘शिक्षा की बात: हर शनिवार’ कार्यक्रम शिक्षा विभाग की एक अभिनव पहल है, जिसका उद्देश्य शिक्षकों और प्रशासन के बीच संवाद को सशक्त बनाना है। ऐसे विशेष एपिसोड प्रेरणादायी शिक्षकों के योगदान को सामने लाने और शिक्षा नीति में जनभागीदारी को प्रोत्साहित करने में सहायक होंगे। ‌बिहार सरकार की यह पहल न केवल शिक्षकों को सम्मान देती है, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में भी एक मजबूत कदम है।

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