राजकीय मध्य विद्यालय जमुनिया में वर्चुअल शहर भ्रमण और जीवन संवाद अभ्यास कार्यक्रम सम्पन्न

पूर्वी चंपारण, घोड़ासहन। राजकीय मध्य विद्यालय जमुनिया में एक विशेष शैक्षणिक कार्यक्रम “वर्चुअल शहर भ्रमण एवं वास्तविक जीवन संवाद अभ्यास” का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम विद्यालय की शिक्षिका डॉ. अनिता देवी के नेतृत्व में और प्रधानाध्यापक के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को दैनिक जीवन में आवश्यक व्यवहारिक संवाद, सामाजिक कौशल तथा नागरिक चेतना से अवगत कराना था। कार्यक्रम के अंतर्गत छात्र-छात्राओं ने वर्चुअल माध्यम से शहर भ्रमण किया और विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर व्यवहार में आने वाले संवादों का अभ्यास किया।
प्रमुख गतिविधियाँ
- रोल-प्ले गतिविधियाँ – छात्रों ने विभिन्न भूमिका-निर्माण अभ्यासों के माध्यम से वास्तविक जीवन के अनुभवों को जीवंत किया। इन गतिविधियों में किराना दुकान से खरीदारी करना, रेस्टोरेंट में खाना ऑर्डर करना, बस स्टॉप पर समय और मार्ग पूछना शामिल था। इससे छात्रों में संवाद कौशल और आत्मविश्वास का विकास हुआ।
- सड़क सुरक्षा जागरूकता – छात्रों ने सड़क यातायात नियमों की जानकारी साझा की और आपस में यातायात संकेतों का अर्थ समझाया। कुछ विद्यार्थियों ने यातायात पुलिस की भूमिका निभाकर ऑटो/बस चालकों को सुरक्षित ड्राइविंग के सुझाव भी दिए।
- सांस्कृतिक और तकनीकी समावेश – कार्यक्रम में ऑडियो/वीडियो उपकरणों का उपयोग कर संवादों को अधिक यथार्थपूर्ण बनाया गया। छात्रों ने स्मार्टफोन, प्रोजेक्टर आदि के माध्यम से अपने प्रदर्शन को और भी प्रभावशाली बनाया।
- सामाजिक सहभागिता – विद्यार्थियों ने आम नागरिकों, ऑटो चालकों और दुकानदारों की भूमिका निभाते हुए उनसे बातचीत का अभ्यास किया। इससे उन्हें समाज में शिष्टाचार और संवाद की महत्ता समझ में आई।
इस अवसर पर प्रधानाध्यापक ने विद्यार्थियों को व्यवहारिक शिक्षा के महत्व पर बल देते हुए कहा कि “पुस्तकीय ज्ञान के साथ-साथ जीवन कौशल का विकास भी अत्यंत आवश्यक है। इस प्रकार के कार्यक्रमों से विद्यार्थियों में आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता का विकास होता है।”
शिक्षिका डॉ. अनिता देवी ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को व्यवहारिक जीवन से जोड़ना तथा उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनने की दिशा में प्रेरित करना था। उन्होंने बच्चों की सक्रिय भागीदारी और उत्साह की सराहना की।
विद्यालय परिवार और अभिभावकों ने भी इस पहल की सराहना की और भविष्य में ऐसे और कार्यक्रमों के आयोजन की अपेक्षा जताई।
यह कार्यक्रम छात्रों के लिए न केवल शिक्षाप्रद रहा, बल्कि उनके व्यवहारिक जीवन में उपयोगी साबित होने वाले संवाद कौशल के विकास की दिशा में एक सशक्त कदम भी रहा।

