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राजकीय मध्य विद्यालय गंगवारा में स्काउट गाइड प्रशिक्षण संपन्न — 125 बच्चों ने लिया उत्साहपूर्वक भाग

सीतामढ़ी। रून्नीसैदपुर प्रखंड के राजकीय मध्य विद्यालय गंगवारा में पांच दिवसीय स्काउट गाइड प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का नेतृत्व विद्यालय की प्रधानाध्यापिका श्रीमती रेणु कुमारी के मार्गदर्शन में किया गया, जिसमें स्काउट गाइड ट्रेनर पवन कुमार द्वारा 125 विद्यार्थियों को विभिन्न गतिविधियों और स्काउट के मूल सिद्धांतों का प्रशिक्षण दिया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय परिसर में राष्ट्रगान और स्काउट शपथ के साथ हुई। प्रशिक्षक पवन कुमार ने बच्चों को अनुशासन, समय की पाबंदी, आत्मनिर्भरता, टीम भावना और सामाजिक उत्तरदायित्व जैसे गुणों से परिचित कराया। उन्होंने स्काउट के महत्व को बताते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण विद्यार्थियों में नेतृत्व क्षमता के विकास के साथ-साथ उन्हें एक अच्छे नागरिक बनने की दिशा में प्रेरित करता है।

शिक्षिका अंजू कुमारी ने बताया कि इस प्रशिक्षण के दौरान बच्चों में गजब का उत्साह देखने को मिला। प्रशिक्षण के सभी सत्रों में बच्चों की भागीदारी उत्साहजनक रही। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में इस प्रकार के कार्यक्रम बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक होते हैं। स्काउट प्रशिक्षण के माध्यम से बच्चों ने जीवन कौशल, प्राथमिक उपचार, आपदा प्रबंधन, नशा मुक्ति, पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों की व्यवहारिक जानकारी भी प्राप्त की।

पांच दिवसीय इस प्रशिक्षण में समूह कार्य, खेल-कूद, ध्वज निर्माण, मीनार बनाना, शिविर गीत, सैल्यूट, मार्च पास्ट आदि विविध गतिविधियाँ कराई गईं, जिससे बच्चों को नेतृत्व और सहयोग की भावना को आत्मसात करने का अवसर मिला।

प्रधानाध्यापिका रेणु कुमारी ने बताया कि विद्यालय में पहली बार इतने बड़े स्तर पर स्काउट गाइड प्रशिक्षण का आयोजन किया गया, जो बच्चों के लिए अविस्मरणीय अनुभव रहा। उन्होंने प्रशिक्षक पवन कुमार को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन में बच्चों ने अनुशासन, सेवा और समर्पण की भावना को आत्मसात किया।

समापन समारोह में बच्चों ने समूह नृत्य, स्काउट ध्वज गीत और लघु नाटिका प्रस्तुत कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में स्थानीय ग्रामीणों और अभिभावकों की उपस्थिति भी रही, जिन्होंने बच्चों के प्रयासों की सराहना की।

विद्यालय परिवार ने भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों को जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई, जिससे शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों के नैतिक और सामाजिक मूल्यों का भी विकास सुनिश्चित हो सके।

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