राजकीय मध्य विद्यालय कच्ची खैरा में जादूई पिटारा और खेलों से पढ़ाई बनी रोचक

रियासी (जम्मू-कश्मीर)। राजकीय मध्य विद्यालय (जीएमएस) कच्ची खैरा में शिक्षण को रोचक और प्रभावी बनाने के लिए टीएलएम (शिक्षण सहायक सामग्री) और “जादूई पिटारा” का सफल उपयोग किया जा रहा है। शिक्षिका सुषमा कुमारी के मार्गदर्शन में गुरुवार को एक विशेष गतिविधि आयोजित की गई जिसमें खेल-खेल में बच्चों को पक्षियों के नाम और जानवरों की आवाजें सिखाई गईं। इस अभिनव प्रयास का उद्देश्य बच्चों की जिज्ञासा को बढ़ावा देना और उन्हें सहज व सरल ढंग से ज्ञान प्रदान करना था।
जादूई पिटारा रंग-बिरंगी, शिक्षण सामग्री से भरा डिब्बा का उपयोग कर छात्र-छात्राओं को दृश्य और श्रव्य माध्यमों के सहारे पढ़ाया गया, जिससे उनकी रुचि और समझ दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। शिक्षिका सुषमा कुमारी ने बताया कि बच्चे जब किताबों के बजाय खेल और गतिविधियों के जरिए सीखते हैं, तो वे ज्यादा उत्साहित रहते हैं और कठिन विषयों को भी आसानी से समझ लेते हैं।
गुरुवार की गतिविधि में विभिन्न खेलों के माध्यम से बच्चों ने पक्षियों के नाम पहचाने और जानवरों की आवाजें सुनकर उनका सही नाम बताया। इस प्रकार की गतिविधियाँ बच्चों में टीमवर्क, संवाद कौशल और आत्मविश्वास भी बढ़ाती हैं। विद्यालय प्रशासन ने इस पहल की सराहना की है और अन्य शिक्षकों को भी प्रेरित किया है कि वे टीएलएम और जादूई पिटारे का नियमित रूप से प्रयोग करें। इससे कक्षा का माहौल जीवंत होता है और छात्र शिक्षा से जुड़ाव महसूस करते हैं।
अभिभावकों ने भी इन प्रयासों की प्रशंसा की है। उनका मानना है कि पारंपरिक पढ़ाई के साथ-साथ जब बच्चों को सीखने का एक आनंदमय अनुभव मिलता है, तो वे घर पर भी सीखने में रुचि दिखाते हैं। इस प्रकार, राजकीय मध्य विद्यालय कच्ची खैरा में शिक्षा को रोचक, प्रभावी और समावेशी बनाने की दिशा में यह एक सराहनीय कदम है। आने वाले समय में विद्यालय और भी नवीन गतिविधियों के माध्यम से बच्चों की संपूर्ण विकास में भागीदारी सुनिश्चित करेगा।