
धूमधाम से मना रक्षाबंधन, अहले सुबह से मिठाई व राखी के दूकान पर रहीं भींड
डुमरांव. सोमवार को रक्षाबंधन पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. बहनों ने भाईयों की कलाइयों पर प्यार का प्रतीक राखी को बांधकर प्यार और स्नेह जताया. योगिश ज्योतिष केंद्र कोरान सराय के ज्योतिषाचार्य राहुल मिश्रा ने बताया कि दोपहर 1 बज कर 25 मिनट तक भद्रा है और रात 8 बज कर 13 मिनट के बाद से पंचक शुरू हो जाएगा. इस लिए रक्षा बंधन का शुभ समय दोपहर 1 बज कर 25 से रात 8 बज कर 13 मिनट तक है.
मुहूर्त के अुनसार बहनें अपने भाइयों की कलाईयों पर राखी बांध उनके सलामती की प्रार्थना की. वहीं भाइयों ने उनकी रक्षा का संकल्प लिया और बहनों को उपहार भेंट किया. त्योहार को लेकर अहले सुबह से मिठाई व राखी की दुकानों पर काफी भींड रहीं. चौक रोड, शहीद गेट, गोला रोड, स्टेशन रोड, माडल थाना समेत अन्य जगहों पर स्थित मिठाई दुकानदारों ने इस त्योहार पर बेहतर व्यवसाय किया.
कई दूकानों पर मिठाई दोपहर तक खत्म हो चुकी थी. राखी बांधने के लिए कई बहनें अपने मायके पहुंची थी, तो कई भाई भी अपने बहनों के ससुराल पहुंचे हुए थे. ऐसे में राखी बांधने के बाद नगर देवी मां डुमरेजनी मंदिर के वार्षिकोत्सव पूजन पर लगने वाले मेले में घुमने का दौर रात तक चला. पूर्णिमा रक्षा बंधन के दिन नगर देवी मां डुमरेजनी का वार्षिकोत्सव पूजन होता. जिसको लेकर आस-पास व दूर-दराज के लोग लगने वाले मेला में शामिल होकर मां का दर्शन कर आर्शिवाद प्राप्त करते है.
बहन का प्रतीक के रूप में मनाया जाने वाला त्योहार रक्षाबंधन पूरे क्षेत्र में आपसी प्रेम और सौहार्दपूर्ण तरीके से मनाया गया. दूसरी तरफ चौक रोड स्थित ब्रह्म बाबा मंदिर का वार्षिकोत्सव पूजन वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हुआ. चौक रोड में मंदिर के आसपास सड़क को सजाया गया था. स्थानीय लोगों ने दर्शन कर मत्था टेका.
इस दौरान स्थानीय लोगों में रमेश वर्मा, मनोज वर्मा, संतोष वर्मा, शशि शेखर पिंकू, मुन्ना वर्मा व्यवस्था में लगे रहें. राज उच्च विद्यालय खेल मैदान में महर्षि अरविंद तरुण व्यवसाई शाखा पर रक्षाबंधन उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. प्रार्थना वाचक कन्हैया प्रसाद, मुख्य शिक्षक संजय साह एवं बोधिककर्ता सुधीर कुमार सह जिला शारीरिक प्रमुख बक्सर ने उपस्थित समस्त स्वयं सेवक को मार्गदर्शन दिया.
उन्होंने कहां कि जो जिस किसी की भी रक्षा करता है, उसकी रक्षा वही करता है, ऐसा शास्त्र कहता हैं. यह रक्षा बंधन उत्सव आज के वर्तमान समय में तात्कालिक बंधन के भाव को समझना है, उसके उपरांत भूल जाना है.
शास्त्र ऐसा नही कहता हैं. जिस भाव से रक्षा बंधन उत्सव रक्षा सूत्र बंधा जाए. वही भाव जीवन काल तक बना रहना चाहिए. ऐसा रक्षा बंधन उत्सव संदेश देता है. जिसको रक्षा सूत्र बांधते है. उसका हमें रक्षा करनी होती है. अध्यक्षता नगर संघ चालक वीरेंद्र राय और प्रसाद वितरण भिखारी पल ने किया.
