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भीषण गर्मी में बच्चों की सुरक्षा को लेकर अनुकरणीय पहल : प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका ने किया छाता वितरण

धूप से बचाव के लिए बच्चों को वितरित किए गए छाते, सोशल मीडिया पर फोटो वायरल, SCS ने की सराहना


पुर्णिया, कस्बा प्रखंड। गर्मी के मौसम में जहां एक ओर तेज धूप और लू के कारण स्कूली बच्चों की सेहत पर खतरा मंडरा रहा है, वहीं दूसरी ओर प्राथमिक विद्यालय, प्रखंड मुख्यालय कस्बा की प्रभारी प्रधानाध्यापिका ज्योति कुमारी ने एक सराहनीय कदम उठाकर मिसाल पेश की है। बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए उन्होंने विद्यालय में पढ़ने वाले सभी बच्चों को धूप से बचाव के लिए छाता (छतरी) का वितरण किया।

प्रधानाध्यापिका ज्योति कुमारी द्वारा इस पहल की तस्वीरें जब सोशल मीडिया पर साझा की गईं, तो यह पहल न सिर्फ लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी, बल्कि इसे उच्च अधिकारियों द्वारा भी सराहा गया। जिला स्तर के शिक्षा पदाधिकारी एससीएस एस सिद्धार्थ ने सोशल मीडिया पर इस कार्य की खुलकर प्रशंसा की और इसे अनुकरणीय बताया।

बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर दिखाया गया मानवीय सरोकार

भीषण गर्मी में बच्चों का स्कूल आना-जाना बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है। दोपहर के समय तेज धूप में छोटे बच्चों के लिए घर से विद्यालय तक पहुंचना और वापस लौटना काफी मुश्किल भरा होता है। ऐसे में प्रधानाध्यापिका ज्योति कुमारी की यह सोच कि बच्चों को धूप से बचाने के लिए उन्हें छाते प्रदान किए जाएं, बेहद संवेदनशील और प्रेरणादायक है।

उन्होंने बताया कि विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों में अधिकतर ग्रामीण परिवेश से आते हैं, जिनके लिए व्यक्तिगत छाता खरीदना संभव नहीं होता। ऐसे में विद्यालय स्तर पर ही यह प्रयास किया गया ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरें, प्रशासन ने भी की सराहना

इस पहल की तस्वीरें जब सोशल मीडिया पर डाली गईं, तो देखते ही देखते यह वायरल हो गईं। कई शिक्षाविदों, अभिभावकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस कार्य की प्रशंसा की। एससीएस एस सिद्धार्थ ने भी इस कार्य को सराहते हुए कहा कि यह पहल अन्य विद्यालयों के लिए प्रेरणा बनेगी। उन्होंने प्रधानाध्यापिका के उत्साहवर्धन के लिए पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि “ऐसी सोच और प्रयासों की हमें आवश्यकता है।”

प्रधानाध्यापिका को मिली सराहना, कार्य के प्रति बढ़ा उत्साह

एससीएस द्वारा की गई इस सराहना पर प्रधानाध्यापिका ज्योति कुमारी ने कहा, “जब हमारे कार्यों की सराहना उच्च अधिकारी करते हैं, तो यह हमें और अधिक उत्साह के साथ काम करने की प्रेरणा देता है। बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा के लिए आगे भी इसी तरह प्रयास करती रहूंगी।”

उन्होंने यह भी कहा कि विद्यालय स्तर पर बच्चों की भलाई के लिए यदि थोड़ा प्रयास किया जाए, तो बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं। शिक्षा सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि बच्चों के संपूर्ण विकास और उनके स्वास्थ्य की भी उतनी ही चिंता होनी चाहिए।

अभिभावकों ने भी जताई खुशी, बच्चों में दिखा उत्साह

इस पहल से न सिर्फ बच्चों को राहत मिली, बल्कि उनके अभिभावकों ने भी स्कूल प्रशासन की सराहना की। कई अभिभावकों ने बताया कि बच्चों के लिए स्कूल जाना अब सुरक्षित और आरामदायक हो गया है। बच्चों ने भी छाता मिलने पर खुशी जाहिर की और कहा कि अब धूप में स्कूल आना ज्यादा मुश्किल नहीं लगता।

अन्य विद्यालयों के लिए बना उदाहरण

ज्योति कुमारी द्वारा की गई यह पहल निश्चित रूप से अन्य विद्यालयों के लिए एक आदर्श बन सकती है। अगर सभी स्कूल इसी तरह बच्चों के समग्र हित को ध्यान में रखते हुए पहल करें, तो शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाया जा सकता है।

प्रधानाध्यापिका ज्योति कुमारी की यह सोच और कार्य न केवल बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि एक शिक्षक की भूमिका सिर्फ पढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने के हर संभव प्रयास में भी होती है। उम्मीद है कि इस प्रयास से प्रेरणा लेकर अन्य शिक्षक भी अपने-अपने विद्यालयों में सकारात्मक बदलाव की दिशा में कदम उठाएंगे।

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