बिजनेस स्टैंडर्ड के 50 वर्ष पूरे होने पर नई दिल्ली भारत मंडपम में दो दिवसीय “मंथन” कार्यक्रम का भव्य

यह भी पढ़ें

- Advertisement -

दिल्ली से रोहित राय की रिपोर्ट। बिजनेस स्टैंडर्ड के 50 वर्ष पूरे होने पर नई दिल्ली भारत मंडपम में दो दिवसीय “मंथन” कार्यक्रम का भव्य व सफल आयोजन हुआ। पहले दिन के कार्यक्रम में भारत की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और रेल, दूरसंचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सम्बोधित किया।

सीतारमण ने सम्बोधन के दौरान भारत सरकार के आर्थिक नितियों समेत आत्मनिर्भर भारत के लिए सरकार द्वारा चलाये जा रहे सक्रिय और प्रभावी कार्यों पर प्रकाश डाला। इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के दौरान की व्यापार और कर नीतियों की वजह से वैश्विक व्यापार समेत आर्थिक कर के पहलू पर भारत काफी पिछड़ा हुआ था।

वर्तमान सरकार ने उन तथ्यो को संज्ञान लेकर और प्रधानमंत्री के द्वारा निरंतर मॉनिटरिंग किया जा रहा है। जिसके परिणामस्वरूप हम आर्थिक मोर्चो पर सफल हो रहे है। भारत दुनिया के शीर्ष अर्थव्यवस्था में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

सम्बोधन के दूसरे सत्र में अश्विनी वैष्णव ने अपने संबोधन के दौरान कहां कि भविष्य का भारत उत्पाद आधारित राष्ट्र बनेगा जो दुनिया के विकास में अग्रणी भूमिका निभाएगा। इस दौरान उन्होंने भारत के अनछुए बाजार और ताकत पर विस्तार से प्रकाश डाला।

- Advertisement -

दोनो मंत्रियों ने 2047 के विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने हेतु सरकार के नीतियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। “मंथन सत्र का दूसरा दिन” सत्र के दूसरे दिन भारत सरकार के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल द्वारा सम्बोधित किया गया।

उन्होंने कहा कि अपने अथक और सक्रिय प्रयासों से उन्होंने लम्बे अर्से के बाद भारत के यूरोप के स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिंकेस्टइन के साथ ईएफटीए साइन किया जो भारत के उत्पाद हेतु उनके बाजार को सुलभ कराएगा।

अन्य देशों के साथ चल रहे व्यापार संवाद पर भी विस्तार से प्रकाश डाला और साथ साथ भारत के जल, पर्यावरण, हरित वन आदि पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने इन सभी क्षेत्रों के लिए अलग से विशेषज्ञ समिति गठित की है, जो इसपर सक्रिय तौर से काम कर रही है।

भविष्य को ध्यान रखते हुए योजनाओं को मूर्त रूप दिया जा रहा है। श्री वैष्णव के भारत सरकार के विचारों को रेखांकित करते हुए कहा कि भविष्य का भारत जब 2047 में विकसित भारत का जश्न मना रहा होगा तो उस वक्त भले हम न रहेंगे पर हमारी भावी पीढ़ी आज के प्रयासों और नीतियों को जरूर सम्मान देगी।

सम्बोधन में भारत सरकार के अलग अलग विभागों के अन्य सचिव और विभाग प्रमुख ने भी संबोधित किया। सत्र के आखिर में नीति आयोग के पूर्व प्रमुख मोंटेक सिंह अहलुवालिया और भारत सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम ने भी संबोधित किया।

- Advertisement -

विज्ञापन और पोर्टल को सहयोग करने के लिए इसका उपयोग करें

spot_img
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

विज्ञापन

spot_img

विज्ञापन

spot_img

विज्ञापन

spot_img

संबंधित खबरें