बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय मनेर में मॉक ड्रिल कर बच्चों को अभ्यास और अगलगी से बचाओ तथा सावधानियां का ध्यान रखना सिखाया
मनेर। मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत अप्रैल माह के चौथे शनिवार को अगलगी जैसी आपदा से बचाव के लिए कौशल विकास एवं प्रशिक्षण के अंर्तगत बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय मनेर में अगलगी आपदा हमें अगलगी आपदा से कौन कौन से उपाय एवं सावधानियां बरतनी चाहिए। इसके बारे में जानकारी शिक्षक मनीष शर्मा तथा शिक्षिका रोशन वर्मा संग चंदा कुमारी ने मॉक ड्रिल करके बच्चों को अभ्यास और अगलगी से बचाओ तथा सावधानियां का ध्यान रखना सिखाया।
सुरक्षा के ऐसे कुछ उपाय जो आग लगने पर काम आए
- आग लगने पर तुरंत 101 नंबर पर कॉल करके सूचना दें। यह न सोचें कि कोई दूसरा इसकी सूचना पहले ही दे चुका होगा।
- आग लगने पर सबसे पहले इमारत की अग्नि चेतावनी की घंटी (फायर अलार्म) को सक्रिय करें। फिर बहुत ज़ोर से “आग-आग” चिल्लाकर लोगों को सचेत करें। चेतावनी कम शब्दों में ही दें, नहीं तो लोगों को घटना की गंभीरता समझने में ज़्यादा समय लग जाएगा।
- आग लगने पर लिफ्ट का उपयोग न करें, सिर्फ सीढ़ियों का ही प्रयोग करें।
- धुएं से घिरे होने पर अपनी नाक और मुंह को गीले कपड़े से ढक लें।
- अगर आप धुएं से भरे कमरे में फंस जाएं और बाहर निकलने का रास्ता न हो, तो दरवाज़े को बंद कर लें और सभी दरारों और सुराखों को गीले तौलिये या चादरों से सील कर दें, जिससे धुआं अंदर न आ सके।
- अगर आग आपकी अपनी ईमारत में लगी है और आप उसमें फंसे नहीं हैं तो पहले बाहर आएं और 101 नंबर पर फायर ब्रिगेड को घटना की सूचना दें।
- अपने घर और कार्यालय में स्मोक (धुआं) डिटेक्टर ज़रूर लगाएं क्योंकि अपनी सुरक्षा के उपाय करना हमेशा बेहतर और अच्छा होता है।
- समय-समय पर इमारत में लगे फायर अलार्म, स्मोक डिटेक्टर, पानी के स्त्रोत, अग्निशामक की जांच करवाते रहें।
- घटनास्थल के नज़दीक भीड़ न लगने दें, इससे आपातकालीन अग्निशमन सेवा और बचाव कार्य में बाधा होती है। ऐसी स्थिति में 101 पर कॉल करें और वहां से दूर हो जाएं।
- यदि आपके कपड़ो में आग लग जाए तो भागे नहीं, इससे आग और भड़केगी। ज़मीन पर लेट जाए और उलट पलट (रोल) करें। किसी कम्बल, कोट या भारी कपड़े से ढक कर आग बुझाएं।
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