बाजरा बनाएगा धनवान, प्रसंस्करण का लीजिए ज्ञान

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बड़कासिंहनपुरा में एमएसएमई ने आयोजित किया उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम

नये साल में फूड प्रोसेसिंग की ट्रेनिंग कराने की हुई मांग

डुमरांव/चक्की, संवाददाता : इस गांव में बाजरा, मक्का, टमाटर की खेती होती है. अगर प्रसंस्करण कर इन फसलों से उत्पाद बनाना यहां के युवा सीख लें तो यह फायदे की बात होगी. उक्त बातें मंगलवार को एमएसएमई के पूर्व निदेशक एसपी वर्मा ने कहीं. वे बड़कासिंहनपुरा ग्राम में एमएसएमई मंत्रालय के पटना कार्यालय की ओर से आयोजित उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि बाजरा शुगर रोगियों के लिए भी लाभदायक है. आप लोग यह जानकर हैरान होंगे कि मक्का से 84 तरह के प्रोडक्ट बनाए जा सकते हैं. किसान टमाटर पांच रुपए किलो बेच देते हैं लेकिन उससे सॉस बना देने पर कई गुना ज्यादा कीमत पा सकते हैं. मल्टीग्रेन आटा की भी बाजार में जबरदस्त मांग है.

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इसका उत्पादन भी इस गांव में हो सकता है. इससे पूर्व कार्यक्रम समन्वयक अंकेश कुमार ने कहा कि माइक्रो, स्माल एवं मीडियम एंट्ररप्राइजेज (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) भी एक भारत सरकार का मंत्रालय है जो बेरोजगारों को उद्यमिता के प्रति जागरूक करता है. उनके पसंदीदा ट्रेड में प्रशिक्षण सत्र का आयोजन करता है.

उत्पादों की बिक्री के लिए मेलों का आयोजन करता है, और बिक्री के लिए इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में भी सरकारी खर्च पर भेजता है. विकास परिषद के अध्यक्ष हेमचंद्र ओझा ने कहा कि हमारी आर्थिक स्थिति तब तक नहीं सुधर सकती जब तक खरीदार से विक्रेता नहीं बन जाते. इसके लिए जरूरी है कि हम अपनी फसलों से उत्पाद बनाना सीख लें.

पंचायत के मुखिया बीरेन्द्र पाठक ने कहा कि गांव युवा इस कार्यक्रम से जागरूक हुए हैं और भविष्य में उद्यमिता के क्षेत्र में कदम बढ़ाएंगे, ऐसा मेरा विश्वास है. पूर्व मुखिया सरोज ओझा ने कहा कि युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है. हुनरमंद बनने का वे मौका खोज रहे हैं. मुझे पूरी उम्मीद है कि एम एस एम ई से जुड़कर वे गांव का नया इतिहास लिखेंगे.

पीएनबी – बड़कासिंहनपुरा शाखा के प्रबंधक दीपक कुमार ने कहा कि काम करने वालों के लिए बैंक का दरवाजा हमेशा खुला है. उन्होंने गांव के लोगों से डिपाजिट बढ़ाने की भी अपील की. उद्यमी शिवजी ओझा, शैलेंद्र ओझा, कमाख्या ओझा सौरभ ओझा, सुनील भगत, रून्ने ओझा, रमेश ओझा की ओर से किए गये सवालों का जवाब भी अधिकारियों ने दिया.

उन्होंने मांग की कि इसी गांव में एक फूड प्रोसेसिंग का प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया जाए. इस पर विभाग की ओर से सकारात्मक आश्वासन दिया गया. इस अवसर पर विकास परिषद के सदस्य दिलीप ओझा उर्फ मिथिलेश, विमलेश ओझा, सुरेंद्र ओझा, अंजनी ओझा, पंडित रविभूषण ओझा, पैक्स अध्यक्ष धनंजय ओझा सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे.

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