डुमरांव. आज कल बढ़ते ठंड को लेकर नवजात एवं छोटे बच्चों की सेहत के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है, ताकि ठंड से नवजात को किसी प्रकार की अनावश्यक परेशानी नहीं हो और नवजात स्वस्थ रहें. उक्त बातें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. आरबी प्रसाद ने कहीं. उन्होने कहां कि बच्चों की देखभाल एवं उचित पोषण को लेकर विशेष ख्याल रखने की जरूरत है. उचित देखभाल एवं पोषण से ही बच्चें स्वस्थ रहेंगे. नवजात के स्वस्थ एवं मजबूत शारीरिक निर्माण के लिए हर माता-पिता को अभी विशेष सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है.
बच्चे को पहनाएं गर्म कपड़े और लगाए धूप
अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सक डा. राजेश रंजन ने बताया कि ठंड से बचाव को लेकर बच्चों का विशेष ख्याल रखना बेहद जरूरी है. इसके लिए बच्चें को उपयुक्त गर्म कपड़े पहनाएं और प्रतिदिन सुबह में धूप लगाएं. इससे बच्चे के शरीर का तापमान काफी हद तक सामान्य रहेगा और बच्चे स्वस्थ रहेंगे.
कंगारु मदर केयर है फायदेमंद
-अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सक डा. लोकेश कुमार ने बताया कि शिशु को मां के शरीर से गर्माहट मिलती है. डाक्टर बताते हैं कि कई शिशु को जन्म के बाद निमोनिया होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है. सर्दियों के समय में यह बीमारी होने की संभावना काफी अधिक रहती है. इसलिए इस समय शिशु को धूप में बैठायें तथा कंगारू मदर केयर के टिप्स आजमायें. ऐसा करने से शिशु को मां के शरीर से होने वाले स्किन टु स्किन कान्टैक्ट की वजह से गर्माहट मिलती है. इससे ठंड लगने, निमोनिया सहित कई बीमारियों से बचाव होता है.
समय पर कराए नियमित टीकाकरण
-प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक डा. रोहित कुमार ने बताया कि बच्चों को कई प्रकार की बीमारियों से नियमित टीकाकरण सुरक्षित रखता है, इसलिए बच्चों को बढ़ते उम्र के साथ सही समय पर नियमित टीकाकरण कराया जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में नियमित टीकाकरण के तहत बच्चों को बीसीजी, डिप्थेरिया, टिटनेस, पोलियो, वायरल हेपेटाइटिस, मिजिल्स, निमोनिया आदि रोगों से रक्षा के लिए टीकाकरण होता है.
छह माह तक सिर्फ माँ के दूध का कराएँ सेवन
अनुमंडल अस्पताल के महिला चिकित्सक डा. श्रूति प्रकाश ने बताया कि नवजात को जन्म के बाद छह माह तक सिर्फ मां के दूध का सेवन कराएं. इससे नवजात के शरीर में प्रोटीन की मात्रा में काफी वृद्धि होती है. बच्चें की रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है. छह माह के बाद धीरे-धीरे आहार का सेवन कराए और लगातार मात्रा बढ़ाएं. साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें. इसके लिए बिछावन, कपड़े आदि की लगातार सफाई करें. इसके अलावे घर समेत आसपास के परिसर को भी पूरी तरह साफ रखें. इससे नवजात संक्रामक बीमारी से दूर रहेंगे. इसके अलावा नवजात को गीला कपड़ा और बिछावन के उपयोग से भी बचाएं.