
पूर्णिया। छोटे बच्चों को अच्छा स्पर्श (Good Touch) और बुरा स्पर्श (Bad Touch) के बारे में सिखाना बहुत ज़रूरी है, ताकि वे अपनी सुरक्षा के बारे में जागरूक हो सकें। यह जानकारी उन्हें आत्मविश्वासी और सुरक्षित महसूस कराने में मदद करती है। प्राथमिक विद्यालय जनकबाग कुल्लाखास कस्बा पूर्णिया की शिक्षिका पूजा बोस ने बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे जानकारी दी गई।
बच्चों को बिना डराए समझाएं
बच्चों से इस विषय में बात करते समय उन्हें डराने या चिंता पैदा करने की बजाय सहज और सरल भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए,यह सुनिश्चित करें कि वे आपसे खुलकर बात कर सकें और उनके मन में कोई डर न हो।
शरीर के निजी हिस्सों के बारे में बताएं
अच्छे और बुरे स्पर्श का सरल तरीके से अंतर समझाएं
– **अच्छा स्पर्श:**
बच्चों को बताएं कि जब मम्मी-पापा गले लगाते हैं, माथे पर किस करते हैं, या हाथ पकड़ते हैं, तो यह अच्छा स्पर्श है। इससे उन्हें प्यार, सुरक्षा और देखभाल का एहसास होता है।
– **बुरा स्पर्श:**
अगर कोई व्यक्ति ऐसा स्पर्श करता है जिससे बच्चे को असहजता हो, डर लगे, या जो उन्हें अच्छा न लगे, तो वह बुरा स्पर्श होता हैं।
बच्चों को यह सिखाएं कि अगर कोई स्पर्श उन्हें असहज, डरावना या गलत महसूस कराता है, तो उन्हें उस व्यक्ति को रोकने का अधिकार है। उन्हें यह समझाएं कि “ना” कहना सही है और उन्हें अपनी भावनाओं को समझने का हक है।
बच्चों को यह बताएं कि अच्छे रहस्य (जैसे जन्मदिन का सरप्राइज) और बुरे रहस्य (जैसे कोई गलत छूने का) में फर्क होता है। अगर कोई उन्हें छूने के बारे में चुप रहने के लिए कहता है, तो यह बुरा रहस्य है, और उन्हें तुरंत मम्मी-पापा या किसी भरोसेमंद बड़े को बताना चाहिए।