बक्सर में प्रस्तावित भगवान श्री राम के विशाल मूर्ति के मॉडल का जिला प्रशासन एवं केंद्रीय मंत्री के सामने किया गया डिस्प्ले
– विशेषज्ञों ने मूर्ति स्थापना से लेकर रामरेखा घाट को फोकस में रखकर पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित करने का प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया
– जिला प्रशासन के साथ केंद्रीय मंत्री ने रामरेखा घाट के आसपास के इलाकों का किया दौरा
बक्सर।केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के संयोजन में नवंबर 2022 में आयोजित सनातन संस्कृति समागम में घोषित भगवान श्री राम की दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति को लेकर सर्किट हाउस में जिला प्रशासन, श्रीराम कर्मभूमि न्यास एवं मूर्ति स्थापना के विशेषज्ञों के साथ मैराथन बैठक हुई।
महाराष्ट्र के रहने वाले सुप्रसिद्ध मूर्तिकार अनिल राम सुतार ने भगवान श्री राम के विशाल का मूर्ति के मॉडल का डिस्प्ले किया। ज्ञात हो कि कुछ दिन पहले बक्सर के प्रमुख धार्मिक स्थान का ड्रोन के माध्यम से जियो लॉजिकल मैपिंग सर्वे किया गया था। इसका पूरा प्रेजेंटेशन बैठक में प्रस्तुत किया गया।
विशेषज्ञों की राय पर्यटन के दृष्टिकोण से रामरेखा घाट कॉरिडोर पर किया जाएगा फोकस
तेलंगाना से आए जियोलॉजिकल मैपिंग विशेषज्ञ जे एस रेड्डी ने अपनी रिपोर्ट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि रामरेखा घाट के आसपास पर्यटन की दृष्टिकोण से काफी संभावनाएं हैं। भगवान श्री राम की प्रारंभिक स्वरूप में मूर्ति रामरेखा घाट के आस-पास लग सके, इसे प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया।
तीन मंजिला इमारत के ऊपर भगवान की मूर्ति पराक्रम रूप में उन्होंने प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया। जिसे सभी ने पसंद किया। लाइट एंड साउंड वाली जगह को डिवेलप कर वहां पर मूर्ति स्थापना को लेकर जिला प्रशासन के साथ प्रारंभिक चर्चा हुई। सभी विशेषज्ञों, जिला प्रशासन के साथ केंद्रीय मंत्री श्री चौबे ने रामरेखा घाट के आसपास के क्षेत्र का अवलोकन किया।
मालूम हो कि केंद्रीय मंत्री श्री चौबे के प्रयास से लाइट एंड साउंड वाली जगह को केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से डिवेलप करने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। विशेषज्ञों की टीम ने रामायण सेंटर, एवं भगवान श्री राम के बाल लीला से जुड़ी हुई सभी बिंदुओं पर फोकस कर प्रजेंटेशन को तैयार है। जिसे प्रस्तुत किया गया।
महर्षि विश्वामित्र एवं यज्ञ स्थली को भी बेहतर ढंग से प्रस्तुतीकरण के माध्यम से उनके किए गए विराट के कार्यों को दिखाया गया। उसे पूरे प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। ताकि महर्षि विश्वामित्र भगवान श्री राम एवं अन्य ऋषि-मुनियों तथा भगवान के पहले मनुज वामन अवतार का विराट स्वरूप जनता के सामने प्रस्तुत किया जा सके।
केंद्रीय मंत्री श्री चौबे ने बताया कि सनातन संस्कृति समागम में जो घोषणा की गई थी उसके अनुसार लगातार कार्य किया जा रहा है। इस कड़ी में आज सभी पक्षों की बैठक हुई है। इसमें भगवान श्री राम के पराक्रमी मूर्ति के मॉडल का डिस्प्ले भी किया गया है। जिसके साथ साथ अन्य संभावनाओं पर भी चर्चा हुई है।
साथ साथ बक्सर गंगा किनारे के घाटों के सुंदरीकरण के साथ, एक बेहतर कॉरिडोर का निर्माण हो सके। जिससे रोजगार के साथ-साथ धार्मिक, आध्यात्मिक एवं पर्यटन के दृष्टिकोण से यह पूरा इलाका विकसित हो सके इस पर विस्तार पूर्वक चर्चा हुई है। स्थल अवलोकन भी किया गया है। आगे फिर से कमेटी की बैठक होगी, जिसमें प्राथमिकता तय कर कार्यों को मूर्त रूप देना शुरू कर दिया जाएगा। डिस्प्ले सभी को पसंद आए हैं।
बैठक में समीर सुतार, जी एस रेड्डी, जियो लॉजिकल मैपिंग, रंजीत, शिवकुमार मूर्तिकार, श्रीराम कर्मभूमि न्यास के अध्यक्ष श्री कृष्णकांत ओझा, रामबालक, अर्जित शाश्वत, धनंजय चौबे, प्रदीप राय, अरुण मिश्रा, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अनिल स्वामी, भोला सिंह डीडीसी, एसडीएम व जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी आदि उपस्थित थे।