
बक्सर। नीलामी के लिए चिन्हित घाटों को पहले ही राज्य पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण (SEIAA) से पर्यावरणीय मंजूरी मिल चुकी है। बक्सर जिला की सर्वेक्षण रिपोर्ट में भी इन घाटों का जिक्र किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार बालू घाटों को 45 छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित किया गया है ताकि छोटे निवेशकों को भी अवसर मिल सके।
बक्सर जिले की प्रमुख नदी- गंगा नदी के बालू घाटों की अगले पांच वर्षों के लिए ई-नीलामी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिला खनन कार्यालय, बक्सर ने इस संबंध में सूचना जारी किया है। इस बार सभी 45 बालू घाटों की नीलामी की जाएगी। इन सभी घाटों में सफेद बालू शामिल हैं। इस पहल का उद्देश्य निर्माण कार्यों के लिए सुलभ दर पर बालू उपलब्ध कराना और राजस्व में बढ़ोतरी करना है।
जानें महत्वपूर्ण तिथि
ई-नीलामी प्रक्रिया के तहत बोली लगाने वाले 27 मई के अपराह्न 5 बजे से निविदा दस्तावेज ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं। इसके लिए जिला खनन कार्यालय, बक्सर में 20 मई को पूर्वाह्न 11:00 बजे से प्री बीड की बैठक भी आयोजित की गई है। इसके लिए पूरी जानकारी बक्सर जिला की आधिकारिक वेबसाइट buxar.nic.in पर उपलब्ध है। निविदा जमा करने की अंतिम तिथि 10 जून शाम 5 बजे तक निर्धारित की गई है। इसके बाद सफल बोली लगाने वाले नवंबर 2025 तक बालू खनन शुरू कर सकेंगे।
अवैध खनन पर लगेगा लगाम
इस प्रक्रिया में गंगा नदी के 06 बालू घाट के सभी छोटे-छोटे 45 बालू खण्डों को शामिल किया गया है। इससे बक्सर जिले में निर्माण उद्योग को स्थिर आपूर्ति मिलने के साथ-साथ अवैध खनन पर भी लगाम लगाने की उम्मीद है।