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प्राथमिक विद्यालय प्रखंड मुख्यालय कस्बा, पूर्णिया में नाटक का मंचन कर बाल विवाह के दुष्परिणामों दी गई जानकारी 

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पूर्णिया. प्राथमिक विद्यालय प्रखंड मुख्यालय कस्बा, पूर्णिया में शिक्षिका ज्योति कुमारी के द्वारा एक नाटक का मंचन किया गया. जिसमें अभिभावक, आसपास के नागरिक एवं बच्चें शामिल हुए. इसमें बाल विवाह को दर्शाया गया एवं उसके दुष्परिणामों की व्याख्या की गई.

बाल विवाह अधिनियम (शारदा अधिनियम) 1929 में लागू किया गया था, जिसको संशोधित करके 2006 में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम लाया गया. जिसे न्यायमूर्ति मोहन एम शांतानागौर की अध्यक्षता वाली पीठ ने 01 नवम्बर 2007 को पारित किया. जिसके अनुसार पुरुष की आयु 21 वर्ष और महिला की आयु 18 वर्ष सुनिश्चित किया गया.

इससे कम आयु में विवाह होने पर दो साल की सजा या एक लाख रुपये जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है. (धारा 9 के तहत् )। बाल विवाह से बच्चों की पढ़ाई तो बाधित होती ही है, कई तरह के शारीरिक समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं. हमें अपने आस पास के लोगों को जागरूक कर के इसका विरोध करना चाहिए.

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