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प्राकृतिक सौंदर्य और सृजनात्मकता का अनोखा संगम : बच्चों ने बनाया कपड़े का झोला

प्राथमिक विद्यालय फूलपुर देहात, फूलपुर, आजमगढ़ में कलात्मक गतिविधियों की झलक

आजमगढ़। प्राथमिक विद्यालय फूलपुर देहात में कक्षा 2 के विद्यार्थियों ने अपनी सृजनात्मक प्रतिभा का परिचय देते हुए शनिवार को विशेष कलात्मक गतिविधियों में भाग लिया। इस गतिविधि का मुख्य उद्देश्य बच्चों की रचनात्मक क्षमताओं को निखारना और उन्हें प्रकृति के प्रति जागरूक बनाना था।

प्रकृति प्रेम को दर्शाते झोले

इस रचनात्मक सत्र में बच्चों ने अपने नन्हे हाथों से कपड़े का झोला तैयार किया। यह झोला केवल एक शिल्पकला नहीं था, बल्कि उसमें छिपा था बच्चों का प्रकृति के प्रति प्यार और पर्यावरण संरक्षण का संदेश। झोले को बच्चों ने रंग-बिरंगे चित्रों और सजावटी वस्तुओं से सुसज्जित किया, जिनमें वृक्ष, फूल, पंछी और हरियाली के प्रतीकात्मक चित्र सम्मिलित थे।

पेपर क्राफ्ट और ड्राइंग : रचनात्मकता की उड़ान

शनिवार को आयोजित इस गतिविधि में पेपर क्राफ्ट और ड्राइंग का भी समावेश रहा। बच्चों ने रंग-बिरंगे कागजों से विभिन्न आकृतियाँ बनाई — जैसे तितलियाँ, फूल, नाव और जानवर। साथ ही, ड्राइंग में भी बच्चों ने कल्पनाओं को कागज पर उकेरा, जिनमें उनका मनोभाव, प्रकृति के प्रति अनुराग और मासूम सपने साफ नजर आए।

हर बच्चे में है विशेष प्रतिभा

कार्यक्रम की संयोजिका, स.अ. रिजवाना खातून ने बताया, “हर बच्चे में एक छिपी हुई प्रतिभा होती है। जरूरत है उन्हें सही मंच और अवसर देने की। इस तरह की गतिविधियाँ बच्चों के व्यक्तित्व विकास में सहायक होती हैं और आत्मविश्वास को भी बढ़ावा देती हैं।”

सृजन के साथ संवेदनशीलता का पाठ

यह गतिविधि केवल एक शैक्षणिक अभ्यास नहीं थी, बल्कि इससे बच्चों में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता विकसित हुई। प्लास्टिक के उपयोग को हतोत्साहित करते हुए कपड़े के झोले का निर्माण बच्चों को पर्यावरण अनुकूल विकल्प अपनाने की प्रेरणा देता है।

अभिभावकों और शिक्षकों की सराहना

बच्चों की रचनाओं को देखकर अभिभावकों और विद्यालय के शिक्षकों ने प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियाँ न केवल बच्चों को व्यस्त रखती हैं, बल्कि उन्हें सृजनात्मक रूप से सोचने और कार्य करने की दिशा में भी अग्रसर करती हैं।

प्राथमिक विद्यालय फूलपुर देहात में आयोजित यह सृजनात्मक कार्यक्रम एक सफल प्रयास रहा, जो बच्चों की कल्पनाशक्ति, अभिव्यक्ति की कला और प्रकृति के प्रति प्रेम को उजागर करता है। ऐसे आयोजन बच्चों के समग्र विकास की दिशा में एक सकारात्मक कदम हैं।

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