प्राइवेट स्कूलों में भी अनिवार्य रूप से शिविर लगाकर कराएं फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन : असिस्टेंट डायरेक्टर
भारत सरकार के एनसीवीबीडीसी विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर ने जिले में एमडीए का लिया जायजा
एमडीए अभियान के तहत सदर प्रखंड के दो बूथों का लिया जायजाजिलाधिकारी से मुलाकात कर एमडीए अभियान की समीक्षा का दिया फीडबैक
बक्सर, 29 अगस्त | जिले में चल रहे सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान की समीक्षा के लिए गुरुवार को भारत सरकार के एनसीवीबीडीसी विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ. संबित प्रधान ने बक्सर का दौरा किया। इस दौरान असिस्टेंट डायरेक्टर ने जिले में संचालित एमडीए राउंड की प्रगति के साथ फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा की।
इस क्रम में सबसे पहले उन्होंने जिले में एमडीए कवरेज की जानकारी ली। जिसको लेकर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने उन्हें बताया कि जिले के 1968721 लाभुकों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करने का लक्ष्य रखा गया था। जिनमें अब तक 1574566 लाभुकों को दवाओं का सेवन कराया जा चुका है। इस क्रम में जिले में 80.37 प्रतिशत लोगों को दवाईयां खिलाई गई है।
उन्होंने बताया कि इस दौरान एडीआर के 83 मामले ही सामने आए हैं। वहीं, स्कूलों में एडीआर के कोई मामले सामने नहीं आए। साथ ही, 70 लोगों में दवाओं का सेवन करने से मना कर दिया है। हालांकि, जिले में स्वास्थ्य विभाग और पार्टनर्स की मदद से 150 से भी अधिक रिफ्यूज के मामलों को ब्रेक कराया गया है।
इस दौरान जिला यक्ष्मा नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शालिग्राम पांडेय, विश्व स्वास्थ्य संगठन के जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ. अरुण कुमार, पीसीआई की एसपीएम पंखुड़ी मिश्रा, पीरामल फाउंडेशन के टेक्निकल स्पेशलिस्ट कम्युनिकेबल डिजीज डॉ. इन्द्रनाथ बनर्जी, पीरामल स्टेट टीम लीड आनंद कश्यप ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
बूथों के निरीक्षण के दौरान लाभुकों से ली जानकारी
समीक्षा के दौरान असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ. संबित प्रधान ने जिला नियोजनालय में संचालित बूथ का निरीक्षण किया। जहां उन्होंने ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन टीम से दवाओं का संबंध में जानकारी ली। आशा कार्यकर्ता ने बताया कि सभी लाभुकों को अल्बेंडाजोल की एक एक टैबलेट खिलाई का रही है।
वहीं, दो साल से पांच साल तक के बच्चों को डीईसी की एक गोली, पांच से 14 साल तक के बच्चों को डीईसी की दो गोली और 14 से अधिक उम्र के लाभुकों को डीईसी की तीन गोलियां खिलाई जा रही है। वहीं, जिन लोगों को दवा के सेवन के बाद चक्कर या मिचली की शिकायत आए तो उनके लिए बूथ पर दवा और ओआरएस भी उपलब्ध है। उसके बाद असिस्टेंट डायरेक्टर ने माइक्रो प्लान देखा।
तत्पश्चात उन्होंने पांडेय पट्टी वार्ड के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 87 स्थित बूथ का भी निरीक्षण किया। जहां उन्होंने लाभुकों से दवाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त की। जिसके बाद उन्होंने फैमिली रजिस्टर का जायजा लिया। जिसमें उन्हें थोड़ी गड़बड़ी मिली। असिस्टेंट डायरेक्टर ने आशा कार्यकर्ता को टाइमली फैमिली रजिस्टर को अपडेट करने का निर्देश दिया। साथ ही, उन्होंने वार्ड के लोगों से पूछताछ की।
लाभुकों ने बताया कि आशा कार्यकर्ता ने उन लोगों को अपने समक्ष दवा का सेवन कराया है। एक लाभुक ने बताया कि उनके बच्चों के अलावा सभी सदस्यों ने दवा का सेवन कर लिया है। असिस्टेंट डायरेक्टर ने अपने समक्ष छुट्टे हुए बच्चों को दवाओं का सेवन कराया।
प्राइवेट स्कूलों में भी लगाए जाएं शिविर
निरीक्षण के बाद असिस्टेंट डायरेक्टर ने जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल के साथ बैठक की। उन्होंने जिलाधिकारी को जिले में संचालित एमडीए राउंड की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष जिले में एमडीए राउंड का संचालन काफी बेहतर रहा है। जिसकी बदौलत एडीआर और रिफ्यूज़ल के मामले काफी कम आए हैं।
उन्होंने जिलाधिकारी को यह भी बताया की वार्डों में निरीक्षण के दौरान पाया कि निजी स्कूलों के बच्चे दवाओं का सेवन करने से वंचित रह गए हैं। इसलिए प्रशासन की ओर से निजी स्कूलों में शिविर लगाने की पहल की जाए। ताकि, उन छूटे हुए बच्चों को भी फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराया जा सके।
इस पर जिला पदाधिकारी ने असिस्टेंट डायरेक्टर को आश्वस्त किया कि वो इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी की बात करेंगे और निजी स्कूलों में एमडीए राउंड के तहत शिविर लगाने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी। मौके पर सिविल सर्जन डॉ. सुरेश चंद्र सिन्हा, वीबीडीसीओ पंकज कुमार, एफएलए रजनीश राय,
डीटीसी के डीपीसी कुमार गौरव, प्रधान लिपिक मनीष श्रीवास्तव, डाटा एंट्री ऑपरेटर विजय यादव, पीरामल फाउंडेशन के अविकल्प मिश्रा, पीसीआई के डीएमसी राम जन्म सिंह, सीएफएआर के डीसी आशीष पांडेय, एडीसी अमित सिंह व अन्य लोग मौजूद रहे।