चुनाव पाठशाला में पर्यवेक्षिका ने सेविकाओं व पोषक क्षेत्र के लाभार्थी को मतदान के प्रति जागरूक
डुमरांव. प्रखंड के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर शिशुओं के अन्नप्राशन कराया गया. साथ ही शिशु के स्वजनों को शिशुओं के लिए स्तनपान के साथ अनुपूरक आहार उपयोग करने की जानकारी दी गई. नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत पुराना भोजपुर में आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 15 पर सीडीपीओ नीरू बाला के नेतृत्व और महिला पर्यवेक्षिका रीता कुमारी की उपस्थित में पोषण पखवाड़ा अंतर्गत पांच बच्चों का विशेष अन्नप्राशन कार्यक्रम आयोजित अन्नप्राशन हुआ.
इस दौरान आसपास के आंगनबाड़ी केंद्र की सेविकाएं उपस्थित रहीं. बाल कुपोषण को दूर करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. कार्यक्रम में यह जानकारी दी गई कि बाल कुपोषण को कम करने में अनुपूरक आहार की अहम भूमिका होती है. छह माह तक शिशु का वजन लगभग दो गुना बढ़ जाता एवं एक वर्ष पूरा होने तक वजन लगभग तीन गुना एवं लंबाई जन्म से लगभग डेढ़ गुना बढ़ जाती है.
जीवन के दो वर्षों में तंत्रिका प्रणाली एवं मस्तिष्क विकास के साथ सभी अंगों में संरचनात्मक एवं कार्यात्मक दृष्टिकोण से बहुत तेजी से विकास होता है. इसके लिए अतिरिक्त पोषक आहार की जरूरत होती है. इसलिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर हर माह 19 तारीख को छह माह के शिशुओं का अन्नप्राशन कराया जाता है.
इस दरम्यान स्वीप अंतर्गत मतदाता जागरूकता अभियान के तहत उपस्थित सेविकाओं व पोषक क्षेत्र के लाभार्थी को जागरूक किया गया. वहीं महिला पर्यवेक्षिका फिरोजा बानो ने अपने आवंटित क्षेत्र में चुनाव पाठशाला आयोजित कर मतदान के महत्व को विस्तार से बताया. मतदाता जागरूकता रैली के अलावे आंगनबाड़ी केेंद्र पर आकर्षण रंगोली बनाकर मेरा पहला वोट देश के लिए का संदेश दिया.
मौके पर सेविका संजू कुमारी मौजूद रहीं. पुराना भोजपुर में आयोजित पोषण पखवाडा अंतर्गत विशेष अन्नप्राशसन दिवस पर सेविका में चिंता देवी, रेखा देवी, विनिता, अंजू रानी, शारदा सहित अन्य सेविका सहित पोषक क्षेत्र के लाभार्थी मौजूद रहें।
माह में एक बार अन्नप्राशन दिवस का होता है आयोजन
सीडीपीओ ने बताया कि 6 माह के बाद स्तनपान के साथ अनुपूरक आहार की जरूरत होती है. इस दौरान शिशु के शरीर एवं मस्तिष्क का तेजी से विकास होता है. इसे ध्यान में रखते हुए सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर माह में एक बार अन्नप्राशन दिवस आयोजित किया जाता है.
जिसमें छह माह के शिशुओं को अनुपूरक आहार खिलाया जाता है. इसके साथ ही उनके माता-पिता को इसके विषय में जानकारी दी जाती है. इसके अलावा सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर हर माह टेक होम राशन (टीएचआर) का वितरण किया जाता है.
जिसमें छह महीने से तीन वर्ष के शिशुओं के लिए चावल, दाल, सोयाबीन अथवा अंडा लाभार्थियों को उपलब्ध कराया जाता है. अन्नप्राशन दिवस पर लोगों को सेविकाओं द्वारा शिशुओं के लिए अनुपूरक आहार बनाने के विषय में भी जानकारी दी जाती है, जिससे उसे संतुलित भोजन उपलब्ध हो सके.
बच्चों के आहार में इन बातों का रखें ख्याल
– छह माह बाद स्तनपान के साथ अनुपूरक आहार शिशु को दें
– स्तनपान के अतिरिक्त दिन में पांच से छह बार शिशु को सुपाच्य खाना दें
– शिशु को मल्टिग आहार (अंकुरित साबुत आनाज या दाल को सुखाने के बाद पीसकर) दें
– शिशु यदि अनुपूरक आहार नहीं खाए तब भी थोड़ी-थोड़ी मात्रा करके कई बार खिलाएं