पर्यावरण संरक्षण बचाओ पदयात्रा के दूसरे दिन पद यात्रियों का कारवां बक्सर के ऐतिहासिक शहर में किया प्रवेश
बक्सर। जिले के धनसोई से बक्सर तक चल रहे पर्यावरण संरक्षण बचाओ पदयात्रा के दूसरे दिन पद यात्रियों का कारवां बक्सर के ऐतिहासिक शहर में प्रवेश किया. इससे पहले इटाढ़ी से प्रारंभ हुए इस यात्रा के दूसरे चरण में पद यात्रियों ने संयुक्त रूप से फलदार एवं छायादार वृक्षों का पौधा रोपण कर अभियान की शुरुआत की.
बक्सर शहर में समाजसेवी उर्मिला सेवा संस्थान के संस्थापक मकरध्वज सिंह विद्रोही ने इन पर्यावरण के सेनानियों को सम्मानित करते हुए कहा की बदलते मौसम एवं जलवायु में परिवर्तन से पूरी दुनिया त्रस्त है. लोगों को जगाने के लिए पौधारोपण किया जा रहा है.पदयात्रा का कार्य काफी सराहनीय है.इनके अभियान में सभी को सहयोग करने की जरूरत है.
पदयात्रा में चल रही भारत ज्ञान विज्ञान समिति की महिला सदस्य अनीता यादव ने कहा कि जीवन के लिए हरियाली लाना जरूरी है. बढ़ते आबादी एवं घटते जंगल से जंगली जानवर भी अब भूखे प्यासे बस्ती की ओर आ रहे हैं. यह हमारे लिए चुनौती है. अगर हम इसी तरह जंगल को साफ करें तो आने वाले कल में हमें जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए लड़ना पड़ेगा.
सांस लेने के लिए ऑक्सीजन की कमी हो जाएगी. जिसका संकेत हमें कोरोना काल ने दे दिया है. हमें उनके आश्रय स्थलों को बचाना होगा. अगर हम अभी सचेत होकर पौधारोपण नहीं करेंगे तो आने वाली पीढ़ियां ऑक्सीजन के सिलेंडर के लिए मारामारी करेंगे.
पर्यावरण प्रहरी डॉ धर्मेंद्र ने कहा कि इस धरती को बचाने के लिए सरकार एवं अन्य संस्थाओं के तरफ से हर साल पृथ्वी दिवस, धरती दिवस व अन्य दिवस मनाया जा रहा है. फिर भी इसका परिणाम हमारे अनुकूल नहीं आ रहे हैं.जैव विविधता पर दिन प्रतिदिन खतरा बढ़ता जा रहा है.
बढ़ते तापमान से दुनिया जूझ रही है. आने वाले परिवेश में हर साल लगभग दो डिग्री सेल्सियस तापमान में वृद्धि होगा. ऐसा अनुमान है कि जब 50 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान होगा तो इस धरती पर मानव मूल्य एवं अन्य जीव जंतुओं के लिए खतरा साबित हो सकता है.
सावन के महीना में धर्म के साथ प्रकृति धर्म का भी पालन करें. लोगों से अपील किया कि भोले बाबा के साथ पेड़ पौधों के लिए भी जल का अर्पण करें. सत्यशोधक संस्थान के शिव प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि धरती का श्रृंगार ही हरियाली है.अगर हम इन आंखों से हरियाली को ना देखे तो मानव जीवन के लिए बेचैनी बढ़ जाती है.
हमारे किसान भी इस धरती की पूजा करते हैं. इसलिए हमें इस धरती को बचाने के लिए पौधारोपण करना होगा. पदयात्रा के समापन के पश्चात विचार गोष्ठी भी की गई. जिसकी अध्यक्षता पर्यावरण सुरक्षा के राज्य संयोजक विपिन कुमार ने किया.
इन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि यह पद यात्रा की पहली कड़ी है. जिसमें हम लोगों ने जागरुक करते हुए लगभग 1000 से अधिक पौधारोपण किया है. इसके बाद अगली पदयात्रा डुमरांव से बक्सर तक होगी. जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल होंगे. जिसकी तैयारी शीघ्र ही शुरू की जाएगी.
इस यात्रा में शामिल लोगों को यादगार बनाने के लिए संस्था के तरफ से प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. अंत में पद यात्रा का समापन बिहार सेंट्रल स्कूल के प्रांगण में पर्यावरण विचार गोष्ठी के साथ किया गया।
यात्रा में शिक्षक नेता डॉ सुरेंद्र सिंह, डॉ मनीष कुमार शशि, लोक कलाकार सुनील सरला, उर्मिला सेवा संस्थान के संजय कुमार, पत्रकार आलोक कुमार, सुरेंद्र प्रताप सिंह, निर्मल कुमार सिंह, सरोज कुमार सिंह, रामाकांत राम, शाली ग्राम पाल, ऊषा मिश्रा, शिव कुमार प्रजापति, अखिलेश्वर प्रसाद सिंह , सरिता कुमारी, उर्मिला कुमारी, बृजेश सिंह,
अनिल कुमार, टोडरमल प्रसाद, विजय लाल शर्मा, रमेश चंद्र, राजीव रंजन, योगाचार्य अजय कुमार, बबन सिंह, नंदन सिंह, अमित दुबे, विकास कुमार, आनंद प्रकाश, ललन सिंह, विकास कुमार, झूलन जी, पीटीईसी बिहिया से अंजू कुमारी, राजीव ओझा सहित अन्य लोग शामिल रहे.