नंदन गांव में “एसिड अटैक” के संबंध में शिविर लगाकर दी गई लोगों को जानकारी
डुमरांव. नंदन गांव में आम जनता के बीच पैनल अधिवक्ता मनोज कुमार श्रीवास्तव एवं पीएलवी अनिशा भारती ने विषय, “एसिड अटैक” के सम्बंध में शिविर लगाकर जानकारी दी. शिविर में मुखिया रामजी सिंह यादव, ललन पासवान, काली प्रसाद, बनारसी यादव, संजय यादव, गोपाल जी,ललन सिंह के अलावे अन्य लोग उपस्थित रहें.
पैनल अधिवक्ता मनोज श्रीवास्तव ने लोगों को बताया कि एसिड अटैक एक जघन्य कृत अपराध है. इसका उद्देश्य किसी व्यक्ति विशेष रूप से महिलाओं एवं युवा, लड़कियों पर एसिड फेंककर नुकसान या गम्भीर चोट या दर्द पहुंचाना है, ताकि उनके शरीर या चोट को विकृत, विकलांग या अक्षय किया जा सके. राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के अनुसार एसिड अटैक की शुरुआत वर्ष 1975 में हुई थी.
लेकिन यह अपराध तेजी से विकसित हुआ और 2002 में एक प्रचलित मुद्दा बन गया और लगातार तेजी से बढ़ते जा रहा है. प्राचीन काल में एसिड का प्रयोग छपाई के लिए किया जाता था. धीरे-धीरे एसिड का इस्तेमाल न केवल छपाई में बल्कि बदला लेने के हथियार के रूप में भी होने लगा. बंगला देश वर्ष 1963 में इस तरह का कृत्य करने वाला पहला देश था उसके बाद भारत आता है.
भारत में एसिड हमले हर समय उच्च स्तर पर है और हर साल बढ़ रहे हैं. जबकि एसिड सर्वाइवर्स ट्रस्ट इंटरनेशनल के अनुसार वास्तविक संख्या 1000 से अधिक हो सकती है. एसिड हमले पूरी दुनिया में होते हैं, लेकिन इस तरह की हिंसा दक्षिण एशिया में सबसे आम है. एसिड अटैक करने वाले लोगों को भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत कड़ी सजा एवं जुर्माने का प्रावधान है.
पैनल अधिवक्ता मनोज श्रीवास्तव ने यह भी बताया की एसिड अटैक हिंसा का सबसे खतरनाक रूप है, जो ज्यादातर लिंग विशिष्ट होता है. भारत में आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 2013 के पारित होने से पहले एसिड अटैक से निपटने के लिए कोई अलग कानून नहीं था.
महिलाओं पर एसिड अटैक दिन प्रति दिन बढ़ रहा है, खासकर 11-30 वर्ष की आयु की लड़कियों पर, इस जघन्य अपराध के बारे लोगों को जागरूक करने के लिए स्थानीय अधिकारियों और प्रशासनिक विभागों द्वारा की सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.
पैनल अधिवक्ता ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार बक्सर आनन्द नन्दन सिंह के आदेश पर एवं अवर न्यायाधीश सह सचिव देवेश कुमार जिला विधिक सेवा प्राधिकार बक्सर के निर्देश पर शिविर आयोजित किया गया.