तुम तो ठहरे परदेसी साथ क्या निभाओगे गीत पर आम से खास तक हुए संगीतमय
राजहाई स्कूल खेल मैदान में आयोजित हुआ बिस्मिल्लाह खान महोत्सव
डुमरांव. बालीवुड गायक अल्ताफ राजा द्वारा तुम तो ठहरे परदेसी, साथ क्या निभाओगे और आवारा हवा का झोंका हूं पर दो पल के लिए जैसे लोकप्रिय गीतों से बिस्मिल्लाह खान महोत्सव में उपस्थित आम से लेकर खास तक के बजे तालियों से कार्यक्रम स्थल गूंज उठा. कार्यक्रम पहुंचे चर्चित कव्वाल बच्चा नसीम कौसर ने यही हिंदुस्तान हमारा है गीत प्रस्तुत कर श्रोताओं की ताली बजाने पर विवश कर दिया.
बिस्मिल्लाह खान महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ बिहार गौरव गाथा से हुआ. जिसमें बिहार के होली, छठ, चैता, समाचकेबा, डोमकच आदि लोक गीतों व विधाओं की प्रस्तुति देते हुए कलाकारों ने यहां की लोक संस्कृति से रूबरू कराया. कार्यक्रम के दौरान होली नजदीक देखते हुए शानदार होली गीत की प्रस्तुति मगध संगीत संस्थान पटना द्वारा दी गई.
बिहार की गरिमा व नृत्य के भाव को बखूबी अवगत कराते हुए कलाकारों ने कुमार उदय सिंह, निशा कुमारी, अली शाह, प्रिति, दिया, वर्षा, सुनीत, शशांक जैसे कलाकारों ने अपने अपने प्रस्तुति से समां बांध दिया.इससे पहले स्थानीय कलाकारों ने एक से बढ़ कर एक गीत व नृत्य कलाओं की प्रस्तुति से लोगों को झूमने पर विवश कर दिया.
स्थानीय कलाकारों में सुमन, रंजीत, प्रिंस, ओंकार दूबे, सतीश, हनी एंड ग्रुप, अनुराग संगीत एकाडमी आदि शामिल रहें. वही प्रसिद्ध गजल गायक नवेंदु भट्टाचार्या ने कई गजलों की प्रस्तुति दी. उन्होंने अपनी प्रस्तुति में हम तो तेरे शहर में आए है, मुसाफिर की तरह गाकर महफिल लूट ली.
जमीन के आभाव में नहीं बन सकी भव्य भवन
सांसद -केन्द्रीय राज्य मंत्री सह स्थानीय सांसद ने अपने संबोधन में कहां कि डुमरांव के पावन धरती पर कला संस्कृति का भवन बनाने की पहल किया गया है. इसके लिए लगभग 15 लाख की राशि भी निर्गत किया गया है. लेकिन, जमीन नहीं मिलने के कारण राशि वापस लौट गई.
दूसरी बार उस्ताद के आंगन को भव्य भवन बनाकर कला संस्कृति और ऐसे वाद्यों का प्रशिक्षण देने की कोशिश की गई. लेकिन वह जमीन भी विवाद में रहा. युवा वर्ग भी शादी विवाह के दौरान शहनाई को महत्व देते हुए प्रदर्शित करें.