डुमरांव में दीदी अधिकार केंद्र का डीएम ने किया उद्घाटन, समूह से जुड़ी व अन्य महिलाओं को घरेलू हिंसा या लैंगिंग भेदभाव की रोकथाम हेतु उन्हें सभी प्रकार की मिलेगी मदद
डुमरांव. प्रखंड मुख्यालय स्थित पुराने अंचल कार्यालय में सोमवार को डीएम अंशुल अग्रवाल ने दीदी अधिकार केंद्र की उद्घाटन किया. पहले जीविका दीदीयों ने डीएम को चंदन, तिलक, आरती व पुष्प वर्षा कर स्वागत किया. पुष्पा वर्षा ख़ुशबू कुमारी, आरती कुमारी द्वारा किया गया. अतिथि के स्वागत में ‘आज आनंद वर्षा हमारे लिए’ गीत खुशबू, शारदा, सुमन्ति और संध्या ने प्रस्तुत किया.
डीएम, डीडीसी डाॅ महेंद्र पाल, एसडीओ राकेश कुमार, जीविका डीपीओ चंदन कुमार, बीडीओ संदीप कुमार पाण्डेय को जीविका दीदी उषा देवी, दुर्गा देवी, अनिता देवी, सुनीता देवी, सुमित्रा देवी, खुशबू कुमारी, रजनी देवी, आरती देवी, उषा देवी ने बुके देकर स्वागत किया. उषा देवी ने आर्ट क्राफ्ट संबंधित सामग्री दिया. कार्यक्रम को डीएम, डीडीसी, जीविका डीपीएम, एसडीओ, बीडीओ ने संबोधित किया.
डीएम ने अपने संबोधन में कहां कि इस केंद्र की शुरुआत हो जाने से, यहां जीविका समूह से जुड़ी दीदियों या अन्य महिलाओं को किसी भी प्रकार की घरेलू हिंसा या लैंगिंग भेदभाव की रोकथाम हेतु उन्हें सभी प्रकार की मदद पहुंचाई जायेगी. लेकिन इस केंद्र का लाभ उठाने से पहले आपको अपने में आत्मविश्वास पैदा करना होगा. अगर कोई आपके आत्मसम्मान को चोट पहुंचाए, तो उसके खिलाफ आवाज उठाएं.
आज जो महिलाएं घर की दहलीज को पार कर चुकी हैं, वह आज सभी तरह के कार्य करने में सक्षम हैं. डीडीसी ने कहा कि चूंकि जीविका बिहार सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है और वह महिलाओं के उत्थान के लिए ही कार्य करती है और इसी को ध्यान में रखते हुए दीदी अधिकार केंद्र खोला गया है. पीड़ित महिलाओं को इस केंद्र के माध्यम से आपनी बात रखने में आसानी होगी.
बता दें इस केंद्र की स्थापना से महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति सजग करना एवं सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाना अब और आसान हो जायेगा. प्रखंड कार्यालय परिसर में इस केंद्र की स्थापना से सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पाने हेतु महिलाओं को अनावश्यक भाग दौड़ का सामना नहीं करना पड़ेगा.
महिलाओं को सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए दीदी अधिकार केंद्र समन्वय का काम करेगा. दीदी अधिकार केंद्र की स्थापना का मुख्य उद्देश्य जीविका समूह से जुड़ी दीदियों या अन्य महिलाओं को किसी भी प्रकार की घरेलू हिंसा या लैंगिंग भेदभाव की रोकथाम एवं अधिकार से संबंधित कार्यों का निष्पादन किया. मौके पर सैकड़ों जीविका दीदी उपस्थित रहीं.