जम्मू-कश्मीर

जीएमएस कच्ची खैरा तलवाड़ा रियासी में धूमधाम से मनाया गया रक्षा बंधन पर्व

रियासी, जम्मू-कश्मीर। सरकारी मध्य विद्यालय (जीएमएस) कच्ची खैरा, तलवाड़ा में रक्षा बंधन पर्व एक दिन पूर्व ही बड़े उत्साह और पारंपरिक अंदाज में मनाया गया। विद्यालय की शिक्षिका सुषमा कुमारी के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में विद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और भाई-बहन के इस पवित्र रिश्ते का प्रतीक पर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया।

कार्यक्रम की शुरुआत सुबह प्रार्थना सभा से हुई, जिसके बाद शिक्षिका सुषमा कुमारी ने रक्षा बंधन के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बच्चों को बताया कि यह त्योहार सिर्फ भाई-बहन के बीच प्रेम और सुरक्षा का प्रतीक ही नहीं है, बल्कि समाज में आपसी भाईचारे, सहयोग और सद्भावना को भी बढ़ावा देता है। उन्होंने महाभारत, चित्तौड़ की रानी कर्णावती और सम्राट हुमायूं की कथा के साथ-साथ अन्य ऐतिहासिक प्रसंगों का उल्लेख करते हुए पर्व की महत्ता समझाई।

इसके बाद विद्यालय परिसर में बच्चों ने आपस में राखियां बांधकर इस परंपरा को जीवंत किया। छोटी-छोटी बच्चियों ने अपने सहपाठियों और शिक्षकों की कलाई पर राखी बांधी और उनके सुख, समृद्धि और दीर्घायु की कामना की। वहीं, बच्चों ने इस अवसर पर स्वयं निर्मित राखियां भी प्रस्तुत कीं, जिन्हें उन्होंने रंग-बिरंगे धागों, मोतियों और चमकीले कागज से सजाया था। इन राखियों ने उनकी रचनात्मकता और कला कौशल का सुंदर उदाहरण प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम के दौरान देशभक्ति गीत और कविता पाठ भी हुआ, जिसमें बच्चों ने भाई-बहन के रिश्ते और एकता के संदेश को स्वरबद्ध किया। विद्यालय में चारों ओर उल्लास और खुशी का माहौल था। कार्यक्रम में विशेष रूप से यह संदेश दिया गया कि रक्षा बंधन का अर्थ सिर्फ भाइयों द्वारा बहनों की रक्षा करना नहीं, बल्कि सभी का एक-दूसरे की सुरक्षा और सम्मान का संकल्प लेना है।

शिक्षिका सुषमा कुमारी ने इस अवसर पर कहा कि ऐसे आयोजनों से बच्चों में भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति सम्मान का भाव जागृत होता है। उन्होंने कहा कि आज के समय में जरूरी है कि त्योहारों के जरिए हम बच्चों को अपनी जड़ों से जोड़े रखें और उन्हें आपसी प्रेम, सद्भाव और नैतिक मूल्यों की शिक्षा दें।

कार्यक्रम का समापन मिठाइयों के वितरण के साथ हुआ, जिसमें सभी बच्चों और शिक्षकों ने मिलकर सहभागिता की। बच्चों के चेहरों पर खुशी साफ झलक रही थी। रक्षा बंधन के इस उत्सव ने विद्यालय परिवार के बीच अपनापन, भाईचारा और आपसी सौहार्द का संदेश फैलाया।

जीएमएस कच्ची खैरा तलवाड़ा में आयोजित यह कार्यक्रम न सिर्फ एक सांस्कृतिक उत्सव था, बल्कि यह बच्चों के लिए सीखने, समझने और एक-दूसरे से जुड़ने का एक सुनहरा अवसर भी बना। इस आयोजन ने यह साबित किया कि त्योहार हमारे जीवन में केवल परंपरा निभाने का माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक मूल्यों को सहेजने और मजबूत बनाने का जरिया भी हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *