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जागरुकता से ही परिवार नियोजन होगा सफल, “विकसित भारत की नई पहचान, परिवार नियोजन हर दंपति की शान”

ब्रह्मपुर। बिहार में परिवार नियोजन एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जो राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास से सीधे जुड़ा हुआ है। गर्भावस्था 20 वर्ष की उम्र मे तथा दो बच्चों मे 3 साल का अंतराल होने से माँ और बच्चों के स्वास्थ्य को भी लाभ मिलता है एवं गर्भनिरोधक के उपयोग से मातृ मृत्यु की संख्या में लगभग 20% से 30% की कमी हो सकती है।

सरकार द्वारा राज्य में विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई 2024 एवं परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा का (11 जुलाई से 31 जुलाई तक) आयोजन किया जा रहा है जिसका उदेश्य “गर्भावस्था के स्वस्थ समय और अंतराल” को बढ़ावा देना है | इसी के तहत आज CHC रघुनाथपुर में जनसंख्या दिवस मनाया गया जिसमे प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के द्वारा फीता काट कर इसका उद्धघाटन किया गया।

इसमें BHM,BCM,ASHA FACILITATOR और पिरामल टीम से प्रोग्राम लीड रंजीत कुमार, गांधी फेलो सचिन कुमार भी उपस्थित रहे। पीरामल फाउंडेशन ने राज्य स्वास्थ्य समिति के सहयोग से विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर जिला, प्रखण्ड एवं पंचायत स्तर पर विभिन्न गतिविधियों की रूपरेखा तैयार की है;

इनमें जिला और प्रखण्ड स्तर पर बैठकों का आयोजन, ई-रिक्शा का संचालन एवं दुर्गम क्षेत्रों तथा उपेक्षित टोलों में ग्राम चौपाल का आयोजन आदि सम्मिलित हैं ।

ग्राम चौपाल, सामुदायिक स्तर का एक सहयोगात्मक प्रयास है; जिसमें स्वयं सहायता समूह (SHG), पंचायती राज संस्थान (PRI), स्थानीय गैर सरकारी संगठन, स्थानीय मीडिया और FLWs शामिल हैं।

इसका उद्देश्य समुदाय में योग्य दम्पत्ति विशेषकर युवा दम्पत्ति के बीच पहले गर्भधारण मे देरी तथा दो बच्चों मे 3 साल का अंतराल के लाभ एवं सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों पर परिवार नियोजन सेवाओं की उपलब्धता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है !

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