औरंगाबाद। राजकीय मध्य विद्यालय घेउरा में सहायक शिक्षक अश्वनी पाल की देखरेख में बाल संसद के सक्रिय छात्र-छात्राओं ने जल जीवन हरियाली के तहत विद्यालय परिसर एवं आस-पास के खाली जगहों पीपल, नीम व तुलसी आदि का वृक्षारोपण करवाया गया। साथ यह भी बताया गया कि पीपल के पेड़ से आक्सीजन पर्याप्त मात्रा में मिलती है, साथ ही नीम और तुलसी औषधि पौधे के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
पीपल वृक्ष का और तुलसी वृक्ष का काढ़ा एवं पंचांग का सेवन करने से मानव जीवन की सभी समस्याओं का निदान संभव है। पीपल वृक्ष, नीम वृक्ष और तुलसी वृक्ष एक अनमोल खजाना है और इस खजाने का उपयोग मानवता के साथ किया जाना सहमती जरूरी है और आज के माहौल में एकदम जरूरी है, तभी पर्यावरण और मानव का जीवन सुरक्षित एवं संरक्षित हो सकता है।
पीपल और नीम के पत्तों को पानी में उबालकर छानकर उस पानी को पीने से हृदय मजबूत होता है तथा कोलेस्ट्रोल का स्तर कंट्रोल होता है। नीम और तुलसी की पत्तियों में कई औषधीय गुण होते हैं। इनकी पत्तियों के सेवन से आपकी कई शारीरिक समस्याएं दूर हो सकती है। इन पत्तियों में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। ये आपके शरीर को डिटॉक्स करने के साथ-साथ ब्लड को साफ करने में भी मदद करते हैं।
लसी में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुण मौजूद होते हैं, जो गले की जकड़न को दूर कर खांसी, सर्दी और अस्थमा जैसी श्वसन स्थितियों को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा इसके पत्तों में मौजूद यूजेनॉल नामक तत्व भी श्वसनप्रणाली के लिए फायदेमंद है। गांव-गांव में भी नीम को बढ़ावा देने की जरूरत है। इसके दातून भी रोगमुक्त होते हैं। इसका तेल काफी महंगा होता है।
पीपल से 24 घंटे ऑक्सीजन मिलता है। इसके पत्ते हृदय रोग सहित कई रोगों में काम आते हैं। तुलसी के पत्ते काफी लाभदायक हैं। मौके पर प्रधानाध्यापक लाल मोहन प्रसाद, शिक्षिका रमीना कुमारी, आरती प्रजापति, रूही परवीन, खुशबु कुमारी, लवली कुमारी, संतोष, प्रेमशीला, गोपाल राम सहित अन्य शिक्षक-शिक्षिकाओं की भूमिका सराहनीय रहीं।