जगतारिणी विद्यालय की शिक्षिका सुमन सौरभ को ‘बेस्ट टीचर ऑफ द मंथ’ सम्मान

समस्तीपुर। जिले के खम्हार स्थित जगतारिणी उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की शिक्षिका सुमन सौरभ को नेशनल फोरम ऑफ इनोवेटिव टीचर्स द्वारा ‘बेस्ट टीचर ऑफ द मंथ’ के प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा गया है। यह पुरस्कार उन्हें शिक्षा क्षेत्र में उनके नवाचारी प्रयासों, बच्चों की समझ के अनुकूल शिक्षण तकनीकों और शैक्षणिक नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए प्रदान किया गया।
सुमन सौरभ विगत कई वर्षों से विद्यालय में विज्ञान विषय की शिक्षिका के रूप में कार्यरत हैं। उनकी शिक्षण शैली में तकनीकी नवाचार, गतिविधि-आधारित शिक्षण, और विद्यार्थियों की भागीदारी सुनिश्चित करने वाली विधियों का समावेश रहता है। वे विद्यार्थियों के बीच न केवल एक प्रिय शिक्षिका हैं, बल्कि अभिभावकों और सहकर्मी शिक्षकों के लिए भी प्रेरणा स्रोत हैं।
उनकी विशेष पहल में ‘विज्ञान प्रयोगशाला को कक्षा में लाना’, ‘पाठ्य सामग्री को दृश्य और प्रायोगिक रूप में प्रस्तुत करना’, एवं ‘कम संसाधनों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना’ जैसे प्रयास शामिल हैं। सुमन सौरभ का मानना है कि हर बच्चा सीख सकता है यदि उसे उचित दिशा, सहयोग और प्रेरणा मिले। यही सोच उन्हें लगातार नवाचार की ओर प्रेरित करती है।
इस सम्मान के लिए देश भर से सैकड़ों शिक्षकों में से चयन प्रक्रिया हुई, जिसमें उनके कार्यों की प्रस्तुति, शिक्षण पद्धति की प्रभावशीलता, और विद्यार्थियों के प्रदर्शन के आधार पर उनका चयन किया गया। नेशनल फोरम ऑफ इनोवेटिव टीचर्स एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय संस्था है जो शिक्षकों के नवाचारी कार्यों को पहचानने और बढ़ावा देने का कार्य करती है।
विद्यालय परिवार में इस सम्मान को लेकर हर्ष की लहर है। विद्यालय के प्रधानाचार्य ने सुमन सौरभ को बधाई देते हुए कहा कि यह पुरस्कार न केवल विद्यालय के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह अन्य शिक्षकों को भी प्रेरणा देगा। उन्होंने कहा कि सुमन सौरभ का समर्पण और निरंतर प्रयास ही इस उपलब्धि का आधार बना है।
इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने भी अपनी शिक्षिका को बधाई दी और कहा कि उनके पढ़ाने का तरीका सरल, रोचक और समझने में आसान होता है। अभिभावकों ने भी उन्हें इस उपलब्धि के लिए शुभकामनाएं दीं और कहा कि ऐसी शिक्षिका बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव रखती हैं।
यह सम्मान न केवल सुमन सौरभ की व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि समस्तीपुर जिले के शैक्षिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में भी देखा जा रहा है।