जंगली नाथ शिव मंदिर का वार्षिकोत्सव पूजन सह मेला में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, भक्तिमय हुआ माहौल
डुमरांव. सोमवार को कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भादो मास प्रथम सोमवार को जंगली नाथ शिव मंदिर का वार्षिक पूजन भक्ति में माहौल में संपन्न हुआ. बता दें कि भाद्रपद माह के प्रथम सोमवार को हर साल वार्षिक पूजन होता है. वार्षिकोत्सव पूजन सह मेला को लेकर मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया गया था. मंत्रोच्चारण के साथ पूजन संपन्न होने पर हवन शुरू हुआ.
मंदिर को समिति के लोगों ने मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया था. मंदिर परिसर में ध्वनि विस्तारक यंत्र के साथ रोशनी की व्यवस्था की गई थी. पहुंचने वाले श्रद्धालु मात्था टेक प्रसाद ग्रहण करने के साथ मेला का आनन्द लिया. मंदिर परिसर के बाहर दर्जनों जलेबी व चाट सहित अन्य दुकानें लगी थी.
मंदिर पुजारी ने बताया कि नाम मात्र से भक्तों के दुखों का नाश होता है. कहा जाता है कि दानी बाबा हर दिन सौ गायों के दूध से शिवलिंग का अभिषेक करते थे, उनके निधन के बाद डुमरांव राज परिवार ने मंदिर के लिए 4 बीघा जमीन देकर मंदिर निर्माण का कार्य शुरू कराया था.
किदवंती की मानें तो दानी बाबा घनघोर जंगल में अवस्थित अपने आश्रम मे रहते थे. उनके सपने में दिखा यहां पर जमीन के नीचे शिवलिंग मौजूद है. बाबा ने उसको तत्काल खुदवाया, तो शिवलिंग पाया. झोपडीनुमा मंदिर बनाकर उनको स्थापित किया. मंदिर की चर्चा धीरे-धीरे फैल गई, तो श्रद्धालुओं ने मंदिर को जीर्णोद्धार करने को आगे आने लगे.
निर्माण शुरू हुआ तो आधे-अधूरे निर्माण के बाद अक्सर कोई न कोई मजदूर-मिस्त्री गिरकर जख्मी हो जाते थे. एक दिन दानी बाबा के सपने में शिवजी ने कहां कि मेरे अनुमति के बिना मंदिर व शिवलिंग की स्थापना कैसे हो रहीं. तब जाकर बाबा ने अनुमति ली. उसके बाद निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ.
जंगली नाथ शिव मंदिर परिसर प्राकृतिक घटा व सौंदर्य से भरा पड़ा है. मंदिर की कलाकृति भक्तों को आकर्षित करती है. भक्तों की सहयोग से यह मंदिर भव्य रूप ले लिया है. मेला के दौरान सुरक्षा को लेकर सुमित्रा महिला कालेज मोड़ और चाणक्य कालोनी से होकर मंदिर के कुछ दूरी पर बैरिकेटिंग किया गया था, ताकि वाहनों का आवागमन न हो सके.
मंदिर परिसर सहित मेला में सुरक्षा को पुलिस बल जगह जगह तैनात रहें. वहीं एसडीएम राकेश कुमार, एसडीपीओ अफाक अख्तर अंसारी, इंस्पेक्टर एसके शर्मा, बीडीओ संदीप कुमार पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी मंदिर के वार्षिकोत्सव पूजन सह मेला पर नजर रखने के साथ पहुंच मुआयना भी करते दिखें.
नगर परिषद ने साफ-सफाई के साथ सड़क के दोनों तरफ चूना का छिड़काव कराया था. शाम के आरती बाद भंडारा शुरू हो गया. जिसमें लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया. शक्ति द्वार से मंदिर पहुंच पथ जर्जर होने से श्रद्धालुओं को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ा.
हालांकि नप ने जगह जगह मोरम डाल मंदिर से कुछ दूर तक समतल किया था. मंदिर समिति के रमेश कुमार, बब्लू केसरी, राजकुमार शर्मा, राजू गुप्ता, लक्ष्मी नारायण शर्मा, संटू कुमार, गोलू कुमार, अंकित कुमार, ऋषि वर्मा, मनीष कुमार, विजय यादव, सुमित कुमार, अर्जुन यादव, सिंटू चौरसिया, भानू कुमार, कृष्णा कुमार मौजूद रहें.