चापाकल में समरसेबल फिट होने के एक माह बाद भी लोगों को नहीं मिल रहा पानी, परेशान है मुहल्लेवासी
चापाकल के ठीक बगल में नलका का निर्माण हुआ, लेकिन मुहल्ले की बढ़ा रहा है शोभा
डुमरांव. नगर परिषद क्षेत्र में पेयजल की समस्या नासूर बनती जा रही है. कई ऐसे जगह हैं, जहां जलापूर्ति का पाइप फटने से रोजाना हजारों लीटर असीमित जल की बर्बादी हो रही है, तो दूसरी तरफ कई ऐसे भी वार्ड है. जहां लोग जल की समस्या से जूझ रहे हैं. नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड संख्या 31 में जल का सप्लाई न होने के कारण लोगों में आक्रोश व्याप्त है.
वार्ड के लोगों को जल की समस्या से निजात दिलाने के लिए अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं. जलपुत्र के नाम विख्यात युवक अजय राय का कहना है कि वार्ड में चापकाल में समरसेबल फिट हुए लगभग एक माह होने के बावजूद लोगों को पानी नही मिल पा रहा है. यही नही चापाकल के ठीक बगल में नलका का निर्माण हुआ है.
परन्तु जब से उक्त नलका का निर्माण हुआ है तब से लेकर आज तक उसमें से पानी नही गिरा. यही नही नगर के कई ऐसे वार्ड के लोग हैं, जो इस तरह के समस्या से जूझ रहे हैं. एक तरफ लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं, तो दूसरी ओर कई ऐसे जगह जहां की पाइप फूटने के वजह से प्रतिदिन हजारों लीटर पानी की बर्बादी रही है.
लेकिन नगर परिषद को इसकी सूचना देने के बावजूद भी मरम्मती करने को लेकर कोई पहल नही हो रहा है. वही अजय ने जब इस सबंध मे मौजूदा वार्ड पार्षद चंद्रवती देवी से सवाल किया तो उन्होंने बताया होल्डिंग टैक्स के विरोध में आवाज उठाने का परिणाम वार्ड के विकास कार्यों को बाधित किया गया है.
अजय ने नगर परिषद के उपर सरकार के राजस्व के नुकसान का आरोप लागते हुए कहां कि नगर के लोगों को सूचारु रूप से पानी का सप्लाई हो सके, जिसके लिए नगर परिषद द्वारा चपाकलों में समरसेबल फीट करने का काम शुरु किया गया. वही चपाकल में मोटर फीट होने के कारण जल स्तर में गिरावट आने के कारण यह कार्य पूर्णतः रूप से फ्लाप होने के साथ ही सरकार के राजस्व के साथ बंदर बाट करने का एक मात्र साधन बन हुआ है.
यह काम शुरु करने से पहले नगर परिषद को चाहिए था कि कम से कम पहले नगर के 1-2 चापाकलों में समरसेबूल फिट कर इसका ट्रायल कर लेना चाहिए था. यदि यह सफल साबित होता तो फिर नगर के अन्य सभी चापाकलों में भी मोटर फीट करने की कवायद शुरु करतें. लेकिन नही यहां तो सिर्फ लूट मचा हुआ है.
अब तो स्थिति ऐसे बनी हुई है कि चापाकलांें में जो समरसेबल लगा है. उसका तो पैसा बर्बाद हो ही गया. साथ ही साथ उक्त चपाकल से लोगों को जो पानी मिल रहा था, वो भी आना बंद हो गया. जिससे स्थानीय लोगों को पेयजल की समस्या से जुझना पड़ रहा है.
मुहल्ले के निकेतन केशरी, संतोष पनेरी, सोनम गुप्ता, चंदन कुमार, राहुल कुमार, राजेश कुमार, छोटू ने नगर परिषद प्रशासन से समरसेबल से पानी गिराने को लेकर गुहार लगाई. नप चेयरमैन ने कहां कि पेयजल की समस्या से निजात को लेकर लगातार नगर परिषद प्रशासन प्रयासरत है. वार्ड पार्षद का आरोप बेबुनियाद बताया.